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गंगा में गाद का कारण केवल फरक्का बराज नहीं : उमा भारती
पटना : केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने यहां शुक्रवार को कहा कि गंगा नदी में गाद की समस्या का फरक्का बराज ही मुख्य कारण नहीं है। बराज के हटाने भर से समस्या का निदान नहीं होगा। पटना में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गंगा नदी में गाद को लेकर बिहार में बाढ़ से प्रत्येक वर्ष जान-माल की भारी बर्बादी एवं तबाही की समस्या के समाधान खोजने के उपायों के अध्ययन के लिए पांच जून को विशेषज्ञों की एक टीम पटना आएगी।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर गंगा में गाद की समस्या पर विस्तार से चर्चा की थी और इस समस्या के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बिहार भेजने का अनुरोध किया था।
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केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने भरोसा देते हुए कहा कि विशेषज्ञों की यह टीम बिहार के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगी। यह टीम पूरे क्षेत्र का सर्वे कर जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
नमामि गंगे परियोजना के तहत बिहार को राशि नहीं दिए जाने संबंधित प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि बिहार को इस परियोजना के तहत राशि दी गई है, परंतु वह राशि खर्च ही नहीं हो पाई।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के तहत गाद की भी सफाई होनी है। इस वर्ष इस परियोजना के तहत बिहार में 25 अरब रुपये से अधिक खर्च होंगे। सुल्तानगंज, भागलपुर, मोकामा, बाढ़, दीघा, कंकड़बाग में वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण होना है।
उन्होंने गंगा में गाद की समस्या पर चिंता जताते हुए कहा, "गंगा के जल को शुद्ध करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। गंगा के अविरल होने पर ही गंगा जल शुद्ध रहेगा। नमामि गंगा परियोजना के तहत वानिकी और पौधरोपण गतिविधियां गंगा नदी के किनारे चलाई जा रही हैं ताकि जमीन के हो रहे भूस्खलन और नदी में सीवेज तथा औद्योगिक कचरा जमा होने से रोका जा सके।"
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा के संबंध और रिश्ते के संबंध में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "नीतीश के साथ भाजपा के पुराने संबंध है और आज भी मधुर संबंध हैं।"
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई थी और गंगा में गाद की समस्या को लेकर दोनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई थी।