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Bihar Politics: कौन हैं सीवान के "खान ब्रदर्स" जो शामिल हुए हैं चिराग पासवान की पार्टी में?

Bihar Politics: 15 जनवरी को ही खान बंधुओं ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी प्रमुख चिराग पासवान की मौजूदगी में उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 16 Jan 2025 2:46 PM IST
Bihar Politics: कौन हैं सीवान के खान ब्रदर्स जो शामिल हुए हैं चिराग पासवान की पार्टी में?
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खान ब्रदर्स शामिल हुए चिराग पासवान की पार्टी में  (PHOTO: social media )

Bihar Politics: अपराध और राजनीति अक्सर साथ साथ चलते हैं। इसका एक नजारा अब देखने को मिला है जब 'खान ब्रदर्स' के नाम से मशहूर अयूब खान और रईस खान बिहार के सीवान जिले में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में औपचारिक रूप से शामिल हो गए। रईस ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह सीवान से विधानसभा चुनाव लड़ेगा।

अयूब खान और रईस खान दो भाई हैं जिनके नाम से कभी बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में दहशत फैलती थी।

15 जनवरी को ही खान बंधुओं ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी प्रमुख चिराग पासवान की मौजूदगी में उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। खान बंधुओं ने सीवान के साहुली हाई स्कूल ग्राउंड में आयोजित 'मिलन समारोह' के लिए पार्टी सुप्रीमो के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की थी। पासवान की पार्टी ने 'एक्स' पर कहा - "अयूब खान और रईस खान अपने समर्थकों के साथ चिराग पासवान के कुशल नेतृत्व और उनके 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' विजन से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुए। यह पार्टी के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"

कौन हैं ये खान बंधु

अयूब खान का छोटा भाई रईस खान कथित तौर पर तीन राज्यों में हत्या, अपहरण, डकैती और जबरन वसूली के कम से कम 30 मामलों में शामिल रहा है। बिहार सरकार ने 2022 में सीवान से तीन युवकों के अपहरण और हत्या में उसका नाम आने के बाद उसकी गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा की थी। इसके अलावा, उस पर सीवान जिले में दो पुलिसकर्मियों, बीके यादव और गणेश प्रसाद यादव की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है।

रईस खान का नाम सीवान के 10 मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल था। 2022 में रईस खान ने सीवान से स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।


शहाबुद्दीन से अदावत

खान बंधुओं की बहुत पहले से ही सीवान के डॉन शहाबुद्दीन से अदावत रही है। जब तक शहाबुद्दीन अपने रूतबे में थे तब तक खान ब्रदर्स उस इलाके से दूर ही रहते थे। लेकिन शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजे जाने और फिर कोविड के दौरान उनकी मौत होने के बाद रईस खान ने सिवान में डेरा डाल लिया।

चुनाव प्रचार के दौरान रईस खान के चुनाव वाहन पर हमला हुआ था और रईस ने तब पूर्व आरजेडी सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और उसके समर्थकों पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था। सीवान पुलिस में दर्ज एफआईआर में ओसामा समेत आठ अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।

खान बंधु शुरू में मोहम्मद शहाबुद्दीन के गिरोह के लिए काम करते थे, लेकिन शहाबुद्दीन के पिता मोहम्मद कमरुल हक द्वारा 2005 में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद वे अलग हो गए।


सीवान की एक अदालत द्वारा गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद रईस खान को 2006 में उत्तर प्रदेश के नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। रईस के खिलाफ सीवान और बलिया (उत्तर प्रदेश) के विभिन्न पुलिस थानों में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और जबरन वसूली के कम से कम 30 मामले दर्ज थे।

विधान परिषद चुनाव के दौरान हलफनामे में रईस खान ने अपने खिलाफ मर्डर, किडनैपिंग और दूसरे अपराध सहित 12 केस की जानकारी दी थी। भाई अयूब भी कई मामलों में वांटेड है। दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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