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बिहार में नीतीश कुमार को लेकर नारों की सियासत गरम

raghvendra
Published on: 22 April 2023 4:09 PM GMT
बिहार में नीतीश कुमार को लेकर नारों की सियासत गरम
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पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से नारों की सियासत गरमाने लगी है। मजे की बात यह है कि इस सियासी जंग के केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं। नीतीश को लेकर ही जनता दल यूनाइटेड की ओर से नारे गढ़े जा रहे हैं जबकि राजद की ओर से इसका जवाब दिया जा रहा है। एक तरफ एनडीए में जेडीयू नीतीश कुमार को अभी से मुख्यमंत्री का चेहरा बताने लगी है तो विपक्ष भी मान रहा है कि लड़ाई नीतीश कुमार से ही है। यही कारण है कि नीतीश को लेकर पक्ष-और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है।

जदयू ने गढ़ा नया नारा

इस सियासी जंग की शुरुआत उस समय हुई जब जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का चुनावी चेहरा बताते हुए पार्टी मुख्यालय पर एक बैनर लगाया। इस बैनर में नारा लिखा था- क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार। नारे का जवाब देने में विपक्ष कहां चूकने वाला था। विपक्ष ने कहा कि बिहार को ठीके (कामचलाऊ) नहीं ठीक मुख्यमंत्री चाहिए। इस मुद्दे पर तेज हो रही सियासत के बीच अब जदयू ने नारा बदल दिया है। अब जदयू की ओर से नया नारा गढ़ा गया है कि क्यों करें विचार, जब हैं ही नीतीश कुमार। अब जदयू के इस नए नारे को राज्य की सियासत गरमा रही है। बैनरों के नारों को लेकर हो रही बयानबाजी से साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासी महाभारत शुरू हो चुकी है।

नारों को लेकर सियासत बीते दो सितंबर को शुरू हुई। पटना के जेडीयू कार्यालय के पास लगे एक बैनर के साथ विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर राजनीतिक नारों की शुरुआत हुई। इस बैनर पर बिहारी अंदाज में एक नारा लिखा गया-क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार। इस नारे के जरिये जदयू ने लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की कि जब राज्य में नीतीश कुमार विकास कार्यों में तेजी लाने में जुटे हुए हैं तो ऐसे में सीएम पद के लिए किसी दूसरे नाम पर विचार करने की जरुरत ही क्यों है।

राजद का पलटवार

इस नारे पर राष्ट्रीय जनता दल ने जबर्दस्त पलटवार किया है। राजद ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि क्यों ना करें विचार, बिहार है बीमार। आरजेडी ने चमकी बुखार, बाढ़, हत्या, डकैती, अपहरण व लूट का जिक्र करते हुए राज्य में भारी अव्यवस्था होने की बात बैनर में लिखी है। साथ ही नीतीश कुमार की नाकामियों को उजागर किया है। राजद ने जेडीयू के चुनावी नारे पर तंज कसती एक कविता का पोस्टर भी पटना में जगह-जगह लगाया है।

जेडीयू के पुराने नारे में बदलाव कर नया नारा देने पर पक्ष-विपक्ष में बयानों का सिलसिला तेज हो गया है। राजद के शक्ति यादव ने कहा कि बिहार में कामचलाऊ मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। अपने नारे को बदलकर जेडीयू ने स्वीकार लिया है कि नीतीश कुमार कामचलाऊ सीएम हैं। नारे में बदलाव पर तंज कसते हुए कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी भूल सुधारने में लगे हैं, लेकिन 15 साल में जनता समझ चुकी है कि उसे ठीके मुख्यमंत्री नहीं चाहिए।

पप्पू यादव ने भी साधा निशाना

नीतीश कुमार को लेकर शुरू हुई सियासत में जन अधिकारी पार्टी के पप्पू यादव भी पीछे नहीं हैं। उनकी जन अधिकार पार्टी ने भी अब नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बैनर लगाया है, जिसमें लिखा है-हो चुका है विचार, देंगे उखाड़,कहीं के नहीं रहेंगे नीतीश कुमार। जन अधिकार पार्टी के पोस्टर के साथ पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने ट्विटर पर भी नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि लगभग 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी एक बार फिर क्यों? ना बाबा ना, बिल्कुल नहीं। बहुत हुआ, जाइए। बिहार को अब नई सरकार चाहिए। जो युवाओं को रोजगार दे सके तथा बिहार को शिक्षा और स्वास्थ्य में अव्वल बना सके।

भाजपा ने किया नीतीश का बचाव

इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने सीएम नीतीश कुमार का बचाव किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि कोई भी अगर अपने पक्ष में पोस्टर लगाता है तो इसमें हर्ज नहीं है। विरोधी अपना चेहरा भी तो देखें। लोक जनशक्ति पार्टी के राजू तिवारी ने भी नीतीश का बचाव करते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार से बड़ा कोई चेहरा नहीं है। जहां तक नारे में बदलाव की बात है, यह तो सामान्य बात है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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