बिहार: गर्मी से मचा हाहाकार, सरकारी स्कूल बंद, गया में धारा 144 लागू

राज्य में शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि गर्मी के कहर को देखते हुए सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल 22 जून तक बंद रहेंगे। गया में डीएम ने भयंकर गर्मी के हालात को देखते हुए धारा 144 लागू की है।

Vidushi Mishra
Published on: 17 Jun 2019 10:37 AM GMT
बिहार: गर्मी से मचा हाहाकार, सरकारी स्कूल बंद, गया में धारा 144 लागू
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पटना : बिहार में भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से हाहाकार मचा हुआ है। हालात कितने बदतर हैं, इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पिछले 3 दिनों के दौरान करीब 183 लोगों की मौत हो चुकी है। अस्पताल में लू के शिकार सैकड़ों मरीज भर्ती हैं।

पटना समेत राज्य के प्रमुख शहरों में तापमान 45 डिग्री के आस-पास है। इस बीच शिक्षा विभाग ने ऐलान किया है कि 22 जून तक राज्य के सभी सरकारी स्कूल बंद रहेंगे। गया में गर्मी को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू की है।

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आदेश स्कूल बंद करने का

राज्य में शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि गर्मी के कहर को देखते हुए सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल 22 जून तक बंद रहेंगे। आदेश में कहा गया है, 'राज्य में पड़ रही भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्मावकाश के बाद अपने जिले में अवस्थित सभी प्राथमिक से उच्च प्राथमिक स्तरीय विद्यालयों का संचालन आवश्यकतानुसार 30 जून तक सुबह की पाली में संचालित करने का निर्णय लिया गया था। राज्य में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी और लू को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में दिनांक 22 जून तक बच्चों के पठन-पाठन को बंद करने का निर्णय लिया गया है।'

गया में धारा 144 लागू

गया में डीएम ने भयंकर गर्मी के हालात को देखते हुए धारा 144 लागू की है। इसके तहत चार से ज्यादा लोग एक जगह पर इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक सभी तरह के सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्यों, मनरेगा के तहत मजदूरी का काम और खुली जगह में किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम या लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई है।

चरम पर जानलेवा गर्मी

बिहार में जानलेवा गर्मी अपने चरम पर है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को नालंदा में 6 और औरंगाबाद में 4 लोगों की लू का शिकार होने के बाद मौत हो गई। इससे पहले रविवार को लू लगने से 112 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं, शनिवार को 61 लोगों की मौत की बात सामने आई थी। सबसे अधिक मौतें औरंगाबाद, नवादा, पटना, पूर्वी बिहार, रोहतास, जहानाबाद और भोजपुर जिलों में हुई हैं। गया, नवादा और औरंगाबाद के अस्‍पतालों में 300 से ज्‍यादा मरीज भर्ती कराए गए हैं। साथ ही नए मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। अकेले गया जिले में रविवार को 28 लोगों की मौत की खबर है।

लू से मरने वाले ज्‍यादातर लोगों में 60 साल से अधिक उम्र के लोग हैं। लू से इतनी बड़ी संख्‍या में लोगों की मौतों पर राज्‍य सरकार हरकत में आ गई है। बिहार सरकार ने सभी प्रभावित जिलों में मरीजों के लिए अतिरिक्‍त डॉक्‍टरों की तैनाती की है। इसके अलावा गांवों और शहरों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए अतिरिक्‍त टैंकर लगाए गए हैं।

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ज्यादा पानी के सेवन की सलाह

डॉक्‍टरों के मुताबिक लू पीड़‍ितों को पहले बेचैनी हो रही है और उसके बाद वे बेहोश हो जा रहे हैं। फिर आधे से दो घंटे के बीच उनकी मौत हो जा रही है। बताया जा रहा है कि मौत की वजह ब्रेन में ग्‍लूकोज की कमी है। डॉक्‍टरों ने लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करने की सलाह दी है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सभी मृतकों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान राशि मुहैया कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद में रविवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से करीब 7 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

Vidushi Mishra

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