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Bihar Political Crisis: बिहार में फिर चाचा-भतीजे की सरकार, नीतीश आज 8वीं बार लेंगे सीएम की शपथ, तेजस्वी होंगे डिप्टी सीएम
Bihar Politics: बिहार में पांच साल बाद दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इस बार सरकार में सहयोगी पार्टियां भी शामिल होंगी और नए मंत्रिमंडल का फार्मूला भी तय हो गया है।
Bihar Political Crisis: बिहार में हुई बड़ी सियासी उठापटक के बाद आज फिर महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। राजभवन में आज दोपहर दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे।
बिहार में पांच साल बाद दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इस बार सरकार में सहयोगी पार्टियां भी शामिल होंगी और नए मंत्रिमंडल का फार्मूला भी तय हो गया है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने नई सरकार के विरोध में धरना देने का ऐलान किया है।
नई सरकार को 164 विधायकों का समर्थन
नीतीश कुमार ने मंगलवार को भाजपा के गठबंधन तोड़ने के बाद राज्यपाल फागू चौहान को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया था। उन्होंने राज्यपाल के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया था। नीतीश कुमार की ओर से राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा गया है। राज्यपाल से मुलाकात के समय नीतीश के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के दूसरे नेता भी मौजूद थे। इसके बाद राज्यपाल की ओर से नीतीश कुमार को आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
नीतीश कुमार की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए समर्थन पत्र में राजद के 79, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16, जीतन राम मांझी की हम के चार और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन का दावा किया गया है। इस तरह नीतीश कुमार के पास विधानसभा में एनडीए सरकार से भी ज्यादा बड़ा बहुमत होगा।
मंत्रिमंडल का फार्मूला तय
जानकार सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल गठन के संबंध में सहयोगी दलों के साथ गहन मंथन किया है। इस बार मंथन के बाद मंत्रिमंडल में विभिन्न दलों के प्रतिनिधित्व का फॉर्मूला भी तय कर लिया गया है। राजद के सबसे बड़ा दल होने के कारण पार्टी के 16 नेताओं को मंत्री बनने का मौका मिलेगा। राजद के अलावा नीतीश कैबिनेट में जेडीयू के 13, कांग्रेस के चार और हम के एक विधायक को शामिल किया जाएगा।
मंत्रिमंडल के गठन को नीतीश कुमार की पहली परीक्षा माना जा रहा है। मंत्रिमंडल में विभिन्न दलों का संतुलित प्रतिनिधित्व नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती होगा। इसके साथ ही विभागों का बंटवारा भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। गृह मंत्रालय तेजस्वी यादव को सौंपे जाने की चर्चा है जबकि अभी तक नीतीश कुमार गृह मंत्रालय अपने पास रखते रहे हैं।
तेजप्रताप भी बन सकते हैं मंत्री
तेजस्वी यादव के अलावा राजद कोटे से उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं हैं। महागठबंधन की पिछली सरकार में भी तेज प्रताप कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल थे। लेफ्ट पार्टियों ने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। वामदलों ने नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की है।
नीतीश कुमार ने 2015 का विधानसभा चुनाव राजद के साथ चुनावी गठबंधन करके जीता था। हालांकि बाद में राजद से मतभेद उभरने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और भाजपा के समर्थन से नई सरकार का गठन किया था। अब पांच साल बाद वे फिर बिहार में विपक्षी महागठबंधन की सरकार का गठन करने जा रहे हैं।
नीतीश पर जनादेश के अपमान का आरोप
इस बीच भाजपा ने नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान करने का बड़ा आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि 2020 का जनादेश एनडीए के पक्ष में था। जदयू को करीब आधी सीटें मिलने के बाद भी भाजपा ने गठबंधन धर्म निभाते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से नीतीश कुमार को पूरा सम्मान दिया गया मगर इसके बावजूद उन्होंने पाला बदलकर जनादेश का अपमान किया है। नीतीश कुमार के इस कदम के खिलाफ भाजपा पूरे प्रदेश में आक्रामक अभियान चलाएगी। भाजपा की ओर से आज धरना देने का ऐलान भी किया गया है।