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ऐसा था बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम, पल-पल बदलता रहा समीकरण
बिहार में बुधवार (26 जुलाई) शाम राजनीतिक घटनाक्रम काफी तेजी से बदला। पहले सीएम नीतीश कुमार ने अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया।
पटना: बिहार में बुधवार (26 जुलाई) शाम राजनीतिक घटनाक्रम काफी तेजी से बदला। पहले सीएम नीतीश कुमार ने अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। पटना में ही लोगों को एकबारगी इस पर यकीन नहीं हुआ। इस्तीफे के तत्काल बाद बीजेपी ने नीतीश को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
इससे लगा कि पूरे घटनाक्रम की स्किप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी। बाद में, लालू यादव ने नीतीश पर आरोप भी लगाया कि वे बीजेपी की गोद में बैठ गए हैं। लालू ने मीडिया से दावा किया कि महागठबंधन नहीं टूटा है और सभी मिलकर नया नेता चुनेंगे।
इस बीच नीतीश बीजेपी नेताओं के साथ गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंच गए। तेजस्वी यादव इसके बाद देर रात पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे। इस दौरान गवर्नर ने नीतीश को सुबह 10 बजे शपथ के लिए आमंत्रित कर लिया। जानें कैसे पल-पल बदलता रहा बिहार का राजनीतिक समीकरण ....
शाम 6.35 बजे: नीतीश कुमार ने बिहार गवर्नर को इस्तीफा सौंपा।
शाम 6.39 बजे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के इस्तीफे का स्वागत किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए बधाई दी।
शाम 6.40 बजे: नीतीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि हमने गठबंधन धर्म निभाया, लेकिन मुश्किल भरे ऐसे हालात में काम करना मुश्किल था। हमने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा था मगर उनकी सफाई जरूर चाहते थे।
शाम 7.30 बजे : राजद अध्यक्ष लालू यादव ने प्रेस कांफ्रेस कर नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह साल 1991 के एक केस में धारा 302 के तहत हत्या के मामले के आरोपी हैं। लालू ने नीतीश पर बीजेपी के साथ सेटिंग करने का आरोप लगाया।
रात 9.15 बजे: बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को बिना शर्त एनडीए के समर्थन का ऐलान कर दिया।
रात 10.10 बजे: लालू यादव ने ट्वीट कर नीतीश पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि बिहार में बीजेपी के खिलाफ रिकॉर्डतोड़ वोट मिला था। अब उसी बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश सरकार बनाने जा रहे हैं। नैतिकता और भ्रष्टाचार की दुहाई देने वाले नीतीश को चुनाव में उतरना चाहिए।
रात 10.30 बजे: बीजेपी ने गवर्नर को पत्र सौंपते हुए नीतीश को समर्थन दिया।
रात 10.40 बजे: नीतीश ने बीजेपी के नेताओं को खाने पर बुलाया। इस दौरान ही विधायकों के साथ औपचारिक तौर पर बात हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री निवास के बाहर जयश्री राम के नारे लग रहे थे।
रात 11.14 बजे: हॉस्पिटल गए गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी राजभवन वापस लौट आए।
रात 11.17 बजे: रांची जा रहे लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार तेजस्वी से डर गए। उन्हें लग रहा था कि तेजस्वी सीएम बन सकते हैं। नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर हमारी फैमिली पर केस कराया। उन्होंने कहा कि शरद यादव सहित कई नेता नीतीश कुमार से नाराज हैं।
रात 11.27 बजे: राजद ने तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता बनाया।
रात 11.31 बजे: लालू यादव ने कहा कि गवर्नर हमें सरकार बनाने का मौका दें।
रात 11.54 बजे: नीतीश कुमार जदयू के पांच और बीजेपी के पांच विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे।
रात 11.56 बजे: नंद किशोर सहाय और ललन सिंह भी राजभवन पहुंचे।
रात 12 बजे : नीतीश को छोडक़र सभी नेता गवर्नर से मिलकर बाहर निकले।
रात 12.12 बजे: तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि राजद सबसे बड़ी पार्टी है। सरकार बनाने के लिए गवर्नर को सबसे पहले उन्हें बुलाना चाहिए।
रात 1.28 बजे: नीतीश कुमार राजभवन से बाहर निकले।
रात 1.29 बजे: सुशील मोदी ने 132 विधायकों के समर्थन का दावा किया।
रात 2.22 बजे: तेजस्वी यादव के साथ राजद नेता मनोज झा, अब्दुल बारी सिद्दीकी, रघुवंश प्रसाद राजभवन पहुंचे।
रात 3 बजे: तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा कि गवर्नर के पास संविधान को बचाने का मौका है। वह राजद को फ्लोर पर बहुमत साबित करने का मौका दें। नीतीश ने लगातार बीजेपी के फैसले का स्वागत किया। नीतीश को 28 साल के नौजवान की कामयाबी देखी नहीं गई।
रात 3.11 बजे: राजभवन में अंदर गए तेजस्वी। शपथग्रहण समारोह रद्द करने की मांग की।
रात 3.19 बजे: तेजस्वी यादव राजभवन से बाहर निकले। उन्होंने नीतीश को हत्या का आरोपी बताते हुए उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए।
रात 3.30 बजे : नीतीश कुमार के शपथग्रहण के लिए गुरुवार सुबह 10 बजे का समय तय किया गया।
सुबह 10 बजे: नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सुबह 11 बजे: राहुल गांधी ने नीतीश कुमार पर साधा निशान। महागठबंधन का गद्दार बताया।