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Bihar Politics: फ्लोर टेस्ट से पहले राजद और जदयू दोनों खेमों में बेचैनी, विधायकों के टूटने की आशंका
Bihar Politics: भाजपा प्रशिक्षण शिविर और जदयू भोज के बहाने अपना विधायकों की निष्ठा परखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ने तो अपने विधायकों के टूटने की आशंका के मद्देनजर बिहार से काफी दूर हैदराबाद भेज दिया है।
Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार के विश्वासमत से पहले राजद और जदयू दोनों खेमों में बेचैनी का माहौल दिख रहा है। सभी दलों के नेताओं की ओर से विधायकों के एकजुट होने का दावा तो जरूर किया जा रहा है मगर सच्चाई यह है कि सभी दलों को विधायकों के टूटने का डर भी सता रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के सभी विधायकों को घर पर ही रोक कर एक तरह से नजरबंद कर लिया है।
दूसरी ओर भाजपा प्रशिक्षण शिविर और जदयू भोज के बहाने अपना विधायकों की निष्ठा परखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ने तो अपने विधायकों के टूटने की आशंका के मद्देनजर बिहार से काफी दूर हैदराबाद भेज दिया है। पूरे प्रदेश का सियासी माहौल गरमाया हुआ है और आज दिनभर सियासी गतिविधियां काफी तेज रहने की संभावना है।
राजद विधायक तेजस्वी के घर नजरबंद
राजद विधायकों को कल पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पांच देश रत्न मार्ग स्थित आवास पर बैठक के लिए बुलाया गया था और बैठक के बाद सभी विधायकों को विश्वासमत तक यहीं रहने का फरमान सुना दिया गया। सभी विधायकों को अपने कपड़े, अन्य जरूरी सामान और दवाएं मनाने का निर्देश दिया गया। इसके बाद सभी विधायकों के ड्राइवर और सहयोगी जरूरी सामानों के साथ देर शाम तक तेजस्वी के आवास पर पहुंचते रहे। तेजस्वी के आवास पर बैरिकेडिंग कर दी गई है और विधायकों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। मीडिया को भी आवास के भीतर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। विधायक एक तरह से तेजस्वी के आवास पर पूरी तरह नजरबंद हो गए हैं।
गायब विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश
राजद से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि अब 40 घंटे तक राजद के सभी विधायक तेजस्वी के आवास में ही रहेंगे उनके रहने और खाने-पीने का प्रबंध तेजस्वी के आवास पर ही किया गया है। राजद विधायक चेतन आनंद और विधानपरिषद सदस्य विनोद कुमार जायसवाल ने देर शाम दावा किया कि 73 विधायक पहुंच गए हैं।
बिहार विधानसभा में राजद के 79 विधायक हैं और करीब आधा दर्जन विधायक स्वास्थ्य और अन्य कारणों से अनुपस्थित बताए जा रहे हैं। राजद नेतृत्व की ओर से इन विधायकों से भी संपर्क साधने की लगातार कोशिश की जा रही है।
भाजपा के विधायक बोधगया में एकजुट
दूसरी ओर भाजपा की ओर से बोधगया में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। बोधगया में ही आज भाजपा विधानमंडल दल की बैठक होगी और इसके लिए पार्टी नेतृत्व की ओर से व्हिप भी जारी किया गया है। प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के नए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पूरी तरह सक्रिय दिखे। भाजपा की ओर से सभी 78 विधायकों की मौजूदगी का दावा किया गया है। प्रशिक्षण शिविर के दौरान विधायकों के प्रश्नों का उत्तर देने के तौरतरीके भी बताए जाएंगे। प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का वर्चुअल संबोधन भी होगा। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश सरकार आसानी से विश्वासमत हासिल करने में कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार का खेला होने की कोई संभावना नहीं है।
जदयू के भी कुछ विधायक अनुपस्थित
जदयू की ओर से भी शनिवार को विधायकों की एकजुटता परखने की कोशिश की गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री श्रवण कुमार सिंह की ओर से शनिवार को भोज का आयोजन किया गया था। हालांकि इस भोज में जदयू के पांच विधायकों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। राज्य विधानसभा में जदयू के 45 विधायक हैं मगर इस भोज में हिस्सा लेने के लिए 40 विधायक ही पहुंचे। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज भी दिखे और बिना भोजन किया श्रवण के आवास से चले गए। भोज में पहुंचने वाले विधायकों से कागज पर दस्तखत भी कराए गए।
जदयू विधायकों की आज बैठक
भोज में न पहुंचने वाले विधायकों से फोन पर संपर्क साधा गया है। मंत्री श्रवण कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा किया कि सभी विधायक पार्टी के संपर्क में बने हुए हैं। मंत्री के आवास पर हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। इस बैठक में मौजूद विधायकों ने आश्वास्त किया के सदन में उनकी एकजुटता बनी रहेगी और सरकार विश्वासमत हासिल करने में कामयाब होगी।
फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार को मंत्री विजय चौधरी के आवास पर जदयू विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। फ्लोर टेस्ट के दिन सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश जारी किया गया है। इसके लिए पार्टी की ओर से व्हिप भी जारी किया गया है। चौधरी ने शनिवार को दावा किया कि पार्टी के सभी विधायक पूरी तरह एकजुट हैं और कहीं भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। कुल मिलाकर सभी खेमों में बेचैनी दिख रही है और माना जा रहा है कि विश्वासमत से पहले उठापटक का दौर जारी रहेगा।
माले विधायक ने की मांझी से मुलाकात
इस बीच भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी से मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि वे जीतन राम मांझी का हाल-चाल लेने आए थे और मुलाकात के दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। हम के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुलाकात को लेकर कहा कि वे अक्सर माझी से मिलने के लिए आते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी एनडीए के साथ हैं और फ्लोर टेस्ट के दौरान नीतीश सरकार का समर्थन करेंगे। हालांकि मांझी ने दो मंत्री पदों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बना रखा है। मांझी को संतुष्ट करने के लिए उन्हें राज्यसभा भेजने की चर्चाएं भी सुनी जा रही हैं।