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शर्मनाक : ट्रैकसूट न होने से तिलका मांझी विवि के खिलाड़ी नहीं कर सके मार्च पास्ट

Rishi
Published on: 13 Nov 2017 4:36 PM IST
शर्मनाक : ट्रैकसूट न होने से तिलका मांझी विवि के खिलाड़ी नहीं कर सके मार्च पास्ट
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दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) में चल रही पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता के मार्च पास्ट में ट्रैकसूट नहीं होने के कारण तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमयू) के खिलाड़ी मार्च पास्ट में शामिल नहीं हो सके। आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ट्रैकसूट उपलब्ध नहीं कराए, जिसके कारण खिलाड़ियों का मार्च पास्ट में शामिल होने का सपना पूरा नहीं हो सका। विश्वविद्यालय प्रशासन हालांकि इन आरोपों को राजनीति के तहत बदनाम करने की साजिश बता रहा है।

पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता में 11 राज्यों की करीब 45 टीमें भाग ले रही हैं। रविवार से प्रारंभ पांच दिवसीय इस प्रतियोगिता में मार्च पास्ट मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।

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इस मार्च पास्ट में आत्मविश्वास से लबरेज सबसे आगे भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय की टीम के खिलाड़ी चल रहे थे। दो पंक्तियों में कतारबद्घ इस टीम के नेतृत्वकर्ता ने केसरिया रंग का झंडा थाम रखा था। इसके पीछे यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ बंगाल की टीम और झारखंड के रांची विश्वविद्यालय की टीम लाल झंडे के साथ चल रही थी। चौथे नंबर पर वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम ने केसरिया रंग के झंडे के साथ और कल्याणी विश्वविद्यालय की भी टीम ने इसी रंग के झंडे के साथ मार्च पास्ट किया।

सबसे पीछे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के खिलाड़ी हल्के आसमानी रंग का झंडा लिए चल रहे थे।

इस बड़े आयोजन में मार्च पास्ट से तिलका मांझी विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को वंचित रहना पड़ा। कुछ खिलाड़ियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उन्हें इस आश्वासन के साथ यहां भेजा गया था कि बाजार से ट्रैकसूट खरीदकर दे दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

यही नहीं खिलाड़ियों का कहना है कि खेल प्रारंभ होने के आधा घंटे के पहले ही उन्हें जर्सी उपलब्ध कराई गई। खिलाड़ी कहते हैं कि अभी भी उनकी जर्सी पर टीम का नाम तक नहीं लिखा है। वहीं, इन अव्यवस्थाओं के बावजूद अपने पहले ही मैच में तिलका मांझी विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने उड़ीसा के के.के विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को 52-24 अंकों से हराकर अगले दौर में प्रवेश कर लिया।

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इधर, तिलका मांझी विश्वविद्यालय के खेल विभाग के सचिव सदानंद झा ने बताया कि विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने हालांकि दबी जुबान यह स्वीकार किया कि तैयारी में कुछ कमियां रह जाती हैं, जिसे समय रहते पूरा कर लिया जाता है। उनका कहना है कि बच्चे उत्साहित हैं और पहला मैच भी जीत चुके हैं।

वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन के खेल के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण मध्य प्रदेश के रीवा में 14 नंवबर से प्रारंभ होने वाले अंतर विश्वविद्यालय महिला कबड्डी प्रतियोगिता में भी तिलका मांझी के खिलाड़ी नहीं भेजे गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए खिलाड़ियों का चयन और तैयारी के लिए कैंप तक का आयोजन कर लिया गया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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