बिपिन रावत बने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख, धनोआ से लिया चार्ज

थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने आज नई दिल्ली में एक समारोह में चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी (सीओएससी) के निवर्तमान अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ से सीओएससी के अध्यक्ष पद की बैटन प्राप्त की।

Aditya Mishra
Published on: 17 Jun 2023 4:45 PM GMT (Updated on: 17 Jun 2023 4:53 PM GMT)
बिपिन रावत बने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख, धनोआ से लिया चार्ज
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नई दिल्ली: थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने आज नई दिल्ली में एक समारोह में चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी (सीओएससी) के निवर्तमान अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ से सीओएससी के अध्यक्ष पद की बैटन प्राप्त की।

सीओएससी के निवर्तमान अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने तीनों सेनाओं से संबंधित सभी मामलों पर अग्रणी भूमिका निभाई।

भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की पूरी स्क्वार्डन के विमानों के परिचालन और उड़ान भरने का व्यापक अनुभव रखने वाले एयर चीफ मार्शल को 31 मई, 2019 को सीओएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

उनके प्रबंधन में तीनों सेनाओं ने ‘एकता के जरिये जीत के ध्येय वाक्य के अनुरूप अनेक मोर्चों पर एकता और एकजुटता प्रदर्शित करते हुए शानदार कामयाबी हासिल की।

41 वर्षों के गौरवशाली करियर के साथ जनरल बिपिन रावत ऑपरेशनल और स्टॉफ से संबंधित लंबे अनुभव के धनी हैं। थल सेना अध्यक्ष के रूप में वह जनवरी 2017 से सीओएससी के सदस्य हैं।

सीओएससी में उनके कार्यकाल के दौरान, कमेटी ने एकता और एकजुटता के लक्ष्य के साथ तीनों सेनाओं के बीच परिचालन, प्रशिक्षण और प्रशासन से संबंधित विविध मामलों पर विचार-विमर्श किया।

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जनरल रावत ने अपनी दूरदृष्टि और व्यवसायिक सूजबूझ के साथ महत्वपूर्ण मामलों पर अपने तटस्थ विचार प्रकट करते हुए इस कमेटी में अपार योगदान दिया है।

सीओएससी के अगले अध्यक्ष के तौर पर जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेन्स स्टॉफ (सीडीएस) की नियुक्ति को अमल में लाने, तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण को बढ़ावा देने, सेनाओं की समकालिक प्रगति को प्रोत्साहन देने, आधुनिक युद्ध कौशल क्षमताओं का त्वरित संचालन करने और उन्हें समकालिक बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं ताकि सशस्त्र बलों को भविष्य के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित किया जा सके।

पदभार संभालने पर रावत बोले

जनरल रावत ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को संचालित करने और तीनों सेनाओं के एकीकरण को बढ़ाने‌ और आधुनिक युद्ध लड़ने की क्षमताओं के सिंक्रनाइज़ेशन को प्रोत्साहित करने के लिए ध्यान केंद्रित किया जायेगा ताकि सशस्त्र बल भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयार रहें।

सीडीएस का पद सीओएससी का अगल कदम है जिसमें सीडीएस सरकार के मिलिट्री एडवाइजर के तौर पर काम करेगा। अभी तक ये साफ नहीं है कि वो फॉर स्टार जनरल होगा या फिर फाइव स्टार जनरल।

आपको बता दें कि तीनों सेनाओं के प्रमुख फॉर स्टार जनरल होते हैं। लेकिन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पास सेनाओं से जुड़ी अहम जिम्मेदारियां होती हैं।

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चीन और अमेरिका जैसे देशों में सीडीएस ही सरकार का मिलिट्री एडवाइजर होने के साथ साथ देश का ऑपरेशनल-कमांडर भी होता है, जो सभी ऑपरेशन्स, मिशन और युद्ध की जिम्मेदारी संभालता है।

खासतौर से जहां तीनों सेनाओं का मिलाजुला ऑपरेशन हो। सेनाओं के प्रमुख अपनी अपनी सेनाओं के प्रशासनिक, भर्ती, सैलेरी इत्यादि जैसे काम देखते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के लालकिले के भाषण के बाद सरकार ने नए सीडीएस के पद के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है जिसे नबम्बर तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।

जनरल रावत भी उस कमेटी के सदस्य हैं. रिपोर्ट मिलने के बाद माना जा रहा है कि सरकार नए सीडीएस के नाम की घोषणा कर देगी। सीडीएस बनाए जाने के बाद सीओएससी का पद खत्म कर दिया जायेगा।

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