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बर्ड फ़्लू ने डराया: पश्चिम बंगाल में बच्चे को संक्रमण, मेक्सिको में मरीज की मौत
Bird flu in India: बच्चे को फरवरी में स्थानीय अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहाँ उसे सांस सम्बन्धी गंभीर समस्याएँ, तेज़ बुखार और पेट में ऐंठन की शिकायत थी।
Bird flu in India: बर्ड फ्लू के केस मिलने से एक नई चिंता बढ़ गयी है। भारत में 2019 के बाद से पहली बार बर्ड फ्लू का केस मिला है। उधर मेक्सिको में एक व्यक्ति की मौत ईसिस संक्रमण से हो गयी है जबकि चीन में भी इसकी दहशत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुष्टि की है कि पश्चिम बंगाल में चार वर्षीय बच्चे को बर्ड फ्लू वायरस से संक्रमित पाया गया है। इस बच्चे को फरवरी में स्थानीय अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहाँ उसे सांस सम्बन्धी गंभीर समस्याएँ, तेज़ बुखार और पेट में ऐंठन की शिकायत थी। निदान और उपचार प्राप्त करने के बाद बच्चे को तीन महीने बाद छुट्टी दे दी गई।
पोल्ट्री के संपर्क में आया था बच्चा
डब्लूएचओ ने बताया कि बच्चा घर और आस-पास के क्षेत्र में पोल्ट्री के संपर्क में आया था। परिवार के किसी अन्य सदस्य या संपर्क में आए व्यक्ति में सांस संबंधी लक्षण नहीं दिखे हैं।
2019 के बाद से यह मामला भारत में बर्ड फ्लू के एच9एन2 स्ट्रेन से मानव संक्रमण का दूसरा दर्ज मामला है। एच9एन2 आमतौर पर हल्की बीमारी का कारण बनता है, लेकिन डब्लूएचओ ने चेतावनी दी है कि विभिन्न क्षेत्रों में पोल्ट्री में वायरस के प्रसार को देखते हुए छिटपुट मानव मामले सामने आ सकते हैं। एवियन इन्फ्लूएंजा के अन्य प्रकारों, जैसे एच5एन1 और एच7एन9 की तुलना में एच9एन2 आम तौर पर कम संक्रामक होता है और मनुष्यों में हल्की बीमारी का कारण बनता है। जबकि यह अच्छी तरह से पता है कि एच5एन1 और एच7एन9 गंभीर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इन उपप्रकारों में सबसे उल्लेखनीय एच5एन1 है, जो पहले कई इंसानी संक्रमणों और मौतों के लिए जिम्मेदार रहा है।
एच9एन2 बर्ड फ्लू है क्या बला?
- एच9एन2 स्ट्रेन एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सबवेरियंट है, जो आम तौर पर पक्षियों में पाया जाता है। डाक्टरों का कहना है कि यह मुख्य रूप से पक्षियों को संक्रमित करता है, लेकिन कभी-कभी यह बच्चों सहित मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है।
- संक्रामक जानवरों के साथ
- सीधा संपर्क या दूषित वातावरण के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क वायरस फैलने के दो तरीके हैं।
- एच9एन2 के सामान्य लक्षण अन्य वायरल संक्रमणों से मिलते-जुलते हैं। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, खांसी, गले में खराश, बहती या भरी हुई नाक और सिरदर्द हो सकता है। अन्य लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, थकान और कंजक्टीवाइटिस शामिल हो सकते हैं। कुछ मामलों में, सांस लेने में कठिनाई और निमोनिया जैसे गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
- यह संक्रमण कभी-कभी अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, खासकर कमजोर इम्नूनिटी सिस्टम या पुराने रोग वाले व्यक्तियों में।
क्या है इलाज?
एच9एन2 एवियन इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया जाता है। ज़ानामिविर (रेलेंज़ा) और ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) जैसी एंटीवायरल दवाएँ मददगार हो सकती हैं, खासकर अगर बीमारी के दौरान जल्दी इस्तेमाल की जाएँ। संक्रमित व्यक्ति की देखभाल भी महत्वपूर्ण है, जिसमें आराम, पर्याप्त पानी का शरीर में जाना और बुखार तथा सांस समस्याओं का इलाज शामिल है। गंभीर परिस्थितियों में रोगी के लिए आईसीयू सहायता के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है।
चीन में एक और केस मिला
एवियन इन्फ्लूएंजा अपडेट के अनुसार चीन में एच9एन2 का एक और केस रिपोर्ट किया गया है जो गुआंग्शी प्रांत में है। तीन वर्षीय लड़के के लक्षण 2 मई को शुरू हुए थे। उसकी स्थिति या उसके वायरस से संक्रमित होने की संभावना के बारे में कोई अन्य विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। मेन लैंड चीन
में इस साल वायरस से जुड़े पाँच संक्रमणों की सूचना दी है।
मेक्सिको में मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 5 जून को मेक्सिको में एच9एन2 संक्रमण से एक 59 वर्षीय व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। इस संक्रमण से यह पहली मौत दर्ज की गयी है। 24 अप्रैल को मरने वाले व्यक्ति का पोल्ट्री या अन्य जानवरों के संपर्क में आने का कोई इतिहास नहीं था, जिससे वायरस के ट्रांसमिशन के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएँ पैदा हो गई हैं। मेक्सिको में सामने आया मामला विशेष रूप से इसलिए चिंताजनक है क्योंकि पीड़ित का संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने का कोई ज्ञात मामला नहीं था सो इससे यह पता चलता है कि पोल्ट्री के साथ सीधे संपर्क के बिना भी यह वायरस मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
एवियन इन्फ्लूएंजा एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती है। पोल्ट्री उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की सुलभता का मतलब है कि प्रकोप जल्दी से अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति बन सकते हैं।
मनुष्यों में बर्ड फ्लू के पिछले उदाहरण
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से मानव संक्रमण अभूतपूर्व नहीं है। खास तौर पर एच5एन1 सबवेरियंट ने 1997 में पहली बार मनुष्यों में मौजूदगी दर्ज कराई थी और इसके बाद से ही यह मानव मृत्यु का कारण बना है।
डब्लूएचओ ने क्या कहा है?
डब्लूएचओ ने बर्ड फ्लू संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए सतर्कता और निवारक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसकी मुख्य सिफारिशों में बीमार या मृत पक्षियों के संपर्क से बचना, यह सुनिश्चित करना कि पोल्ट्री उत्पाद अच्छी तरह से पके हुए हों, और नए मामलों का तुरंत पता लगाने और उनका जवाब देने के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली लागू करना जैसे उपाय शामिल हैं।