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'बीवी भाग जाएगी', बिजनेसमैन गौतम अडानी ने देश में छेड़ दी नई बहस? जानिए पूरा मामला
Work-Life Balance : देश में कार्य और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने को लेकर कई बार सामाजिक बहस छिड़ चुकी है।
Work-Life Balance : देश में कार्य और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने को लेकर कई बार सामाजिक बहस छिड़ चुकी है। इस पर बिजनेस मैन से लेकर आम नागरिक तक की अपनी राय है, जो समय-समय पर व्यक्त करते रहते हैं। इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के बाद अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि आप जो भी करते हैं, यदि उसमें आनंद है तो आपका कार्य-जीवन संतुलित है।
बिजनेस मैन गौतम अडानी ने एक न्यूज को दिए साक्षात्कार में कार्य और जीवन शैली पर अने व्यक्तिगत विचारों को साझा किया है। उन्होंने कहा कि अपने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए, ताकि अपने कार्य में खुशी मिलने के साथ उत्पादकता भी बढ़े और पारिवारिक जीवन में खुशी रहे यानी परिवार के लिए भी समय निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसी पर कार्य-जीवन संतुलन को थोपना नहीं चाहिए, ये चाहें मेरा कार्य-जीवन संतुंलन हो या आपका।
यह कार्य-जीवन संतुलन की सही परिभाषा
उन्होंने एक उदाहरहण देते हुए कहा कि कोई अपने परिवार के साथ चार घंटे तो कोई आठ घंटे बिताकर खुश रहता है, यह उसका अपना कार्य-जीवन संतुलन है। लेकिन, यदि कोई अपने परिवार के साथ आठ घंटे बिताता है और उसके बाद भी उसका जीवन साथी चला जाता है तो यह उसकी अलग कहानी है। हालांकि हर किसी के साथ ऐसा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कार्य-जीवन संतुलन का सार आपकी खुशी और व्यक्तिगत संतुष्टि पर निर्भर करता है। यदि अपने कार्य के दौरान कोई व्यक्ति खुश है और अपने परिवार को भी खुश रख पाता है तो यह कार्य-जीवन सतुंलन की सही परिभाषा हो सकती है।
नारायण मूर्ति ने कही थी ये बात
गौरतलब है कि इससे पहले इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने भी कार्य-जीवन संतुलन पर अपने विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने सप्ताह में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि मैं सेवानिवृत्त होने तक 85 से 90 घंटे का करता था। देश की अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने और प्रतिस्पर्धा के लिए ऐसे ही समर्पण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा था कि देश और समाज की बेहतरी के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उनके इस तरह के बयान के बाद देश में कार्य-संस्कृति को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी। उनके विचार का किसी ने समर्थन तो किसी ने विरोध किया था।
ओला के सीईओ ने समर्थन किया था
इंफोसिस के संस्थापक के बयान में समर्थन में ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल भी उतर आए थे। उन्होंने कहा था कि जब नारायण मूर्ति के 70 घंटे कार्य करने वाली बात का समर्थन किया था तो सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया गया था। हालांकि मुझे इसकी परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा भरोसा है कि देश, को दुनिया में नंबर वन बनाने के लिए एक पीढ़ी को तपस्या करनी पड़ेगी। उन्होंने कार्य-जीवन संतुलन की पारंपरिक अवधारणा पर संदेह व्यक्त किया था और कहा था कि यदि आप अपने काम का आनंद ले रहे हैं, तो आपको जीवन में भी खुशी मिलेगी।