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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए BJP और AAP ने सक्रियता बढ़ाई, तैयारियों में पिछड़ी दिख रही कांग्रेस
Delhi Assembly Elections: दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी माहौल गरमाने लगा है।
Delhi Assembly Elections: दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी माहौल गरमाने लगा है। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है। आप नेता कैलाश गहलोत के भाजपा का दामन थामने के बाद यह जुबानी जंग और तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए खुद आप मुखिया अरविंद केजरीवाल मैदान में उतर चुके हैं और उन्होंने विभिन्न इलाकों में दिल्ली के लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर भाजपा ने भी दिल्ली के नेताओं को विभिन्न जिम्मेदारियां सपना के साथ सक्रिय कर दिया है।
इन दोनों दलों की ओर से की जा रही तैयारी के बीच यह जानना जरूरी है कि कांग्रेस कहां खड़ी है। कांग्रेस की ओर से न्याय यात्रा की तैयारी जरूर की जा रही हैं मगर चुनावी तैयारियों के लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस बीजेपी और आप से पिछड़ी हुई दिख रही है। कांग्रेस पिछले 10 वर्षों के दौरान दिल्ली विधानसभा में एक भी सीट नहीं जीत सकी है। इसलिए आने वाला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
दिल्ली में आप से गठबंधन के आसार नहीं
दिल्ली के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया था और इस गठबंधन के तहत आप ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि भाजपा ने इस गठबंधन को करारी चोट देते हुए दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था। अब आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावना नहीं दिख रही है।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो सका था। आम आदमी पार्टी ने अपने दम पर हरियाणा का चुनाव लड़ा था मगर इस चुनाव में पार्टी को करारा झटका लगा था। अब आम आदमी पार्टी ने महाराष्ट्र और झारखंड का विधानसभा चुनाव न लड़कर अपना फोकस पूरी तरह दिल्ली पर केंद्रित कर रखा है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आप मुखिया अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन के मूड में नहीं है।
कांग्रेस नेताओं का रुख भी आप के खिलाफ
कांग्रेस नेताओं के रुख से भी साफ हो गया है कि दिल्ली में दोनों दलों के बीच गठबंधन के कोई आसार नहीं है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने पिछले कुछ समय से आप और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत के आप से इस्तीफा के बाद भी कांग्रेस नेताओं ने आप पर तीखा हमला बोला था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने भी हाल में अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में गठबंधन धर्म का पालन न करने का आरोप लगाया था। इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस भी अब दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का मन बना रही है। कांग्रेस के कोई स्थानीय नेताओं को तोड़कर आप में शामिल किए जाने से भी कांग्रेस में नाराजगी दिख रही है। कांग्रेस अपने नेताओं को तोड़े जाने के लिए अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार मान रही है।
चुनावी तैयारी में पिछड़ी दिख रही है कांग्रेस
वैसे चुनावी तैयारी के मामले में कांग्रेस आम आदमी पार्टी और भाजपा से पिछड़ी हुई दिख रही है। आम आदमी पार्टी ने जिला,मंडल और बूथ स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलनों की शुरुआत कर दी है। इसके साथ ही केजरीवाल विभिन्न इलाकों का दौरा करके स्थानीय नेताओं से संपर्क बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर भाजपा की ओर से भी लंबी-चौड़ी कमेटी बनाकर पार्टी नेताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।
ऐसे में अब कांग्रेस की ओर से न्याय यात्रा के जरिए भाजपा और आप को जवाब देने की तैयारी है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव की अगुवाई में दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर न्याय यात्रा निकाली जाएगी। हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने अभी तक दिल्ली में कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखाई है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और झारखंड का विधानसभा चुनाव निपटने के बाद कांग्रेस नेताओं की सक्रियता बढ़ेगी।