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Arvind Kejriwal: केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा पर सवालों की बौछार, आखिर 48 घंटे में ऐसा क्या?

Arvind Kejriwal: सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के शराब घोटाले के गंभीर मामले में फंसे हुए हैं। उन्हें तो अपनी गिरफ्तारी के तत्काल बाद ही पद छोड़ देना चाहिए था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 15 Sept 2024 4:28 PM IST
Arvind Kejriwal: केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा पर सवालों की बौछार, आखिर 48 घंटे में ऐसा क्या?
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Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की बड़ी घोषणा की है। उन्होंने दिल्ली में तत्काल विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि अब वे जनता की अदालत से ईमानदारी का सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद ही मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। इसे केजरीवाल के बड़े सियासी दांव के रूप में देखा जा रहा है।

दूसरी ओर केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल का नाम आने के बाद से ही भाजपा उनसे इस्तीफा मांगती रही है। केजरीवाल के ऐलान के बाद भाजपा ने बड़ा हमला बोला है। पार्टी के नेता सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल के तुरंत इस्तीफा न देने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय क्यों चाहिए? एक भाजपा नेता ने तो यहां तक कहा है कि अगले दो दिनों के दौरान केजरीवाल अपनी पत्नी के नाम पर दिल्ली के आप विधायकों को राजी करने की कोशिश करेंगे।

इस्तीफा देने के लिए दो दिन का वक्त क्यों चाहिए

केजरीवाल के इस्तीफा देने के ऐलान के बाद भाजपा की ओर से आप और अरविंद केजरीवाल पर सवालों की बौछार कर दी गई है। पार्टी के नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल ने पद छोड़ने की घोषणा तो जरूर कर दी है मगर उन्हें पद छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय चाहिए। आखिरकार उन्होंने पद छोड़ने के लिए दो दिन का वक्त क्यों मांगा है?



सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के शराब घोटाले के गंभीर मामले में फंसे हुए हैं। उन्हें तो अपनी गिरफ्तारी के तत्काल बाद ही पद छोड़ देना चाहिए था। आखिरकार उन्होंने जेल में रहने के दौरान ही दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद क्यों नहीं छोड़ा? अब जब उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा की है तो इसके लिए भी उन्हें दो दिन के वक्त की जरूरत है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या केजरीवाल जेल से बाहर आकर कुछ सेटल करना चाहते थे और इसी कारण उन्होंने जेल से इस्तीफा नहीं दिया।

पार्टी में फूट के कारण इस्तीफा देने की मजबूरी

भाजपा नेता ने केजरीवाल के इस्तीफा देने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि केजरीवाल को मजबूरी में इस्तीफा देने की घोषणा करनी पड़ी है। दरअसल आम आदमी पार्टी में फूट की स्थिति बन गई है और इसी कारण केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा करने पर मजबूर हो गए।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को संभालना मुश्किल साबित हो रहा था। पार्टी में व्यापक असंतोष की स्थिति दिख रही है और इसी कारण हालात को संभालने के लिए केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया है।

इस्तीफे के ऐलान को पीआर स्टंट बताया

भाजपा लंबे समय से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केजरीवाल और उनकी सरकार को घेरती रही है। पार्टी का कहना है कि केजरीवाल ने अपनी सरकार बनने पर भ्रष्टाचार रोकने का वादा किया था मगर सच्चाई यह है कि केजरीवाल की सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें जमानत तो जरूर मिल गई है मगर शीर्ष अदालत ने उन पर कई शर्तें भी थोप दी हैं।

भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि इस्तीफा का ऐलान केजरीवाल के पीआर स्टंट के अलावा कुछ नहीं है। केजरीवाल को इस बात का एहसास हो गया है कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि कैसी बन चुकी है। दिल्ली के लोग अब उन्हें ईमानदार नेता नहीं बल्कि भ्रष्ट नेता मानने लगे हैं। अपने पीआर स्टंट के जरिए केजरीवाल एक बार फिर अपनी छवि सुधारना चाहते हैं।



मनमोहन मॉडल लागू करने की तैयारी

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल केजरीवाल दिल्ली में मनमोहन मॉडल लागू करना चाहते हैं। कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री जरूर बना दिया था मगर पर्दे के पीछे से सोनिया गांधी ही सरकार चला रही थीं। अब वही स्थिति दिल्ली में भी दिखने वाली है। दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती। इसलिए वे किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।

पत्नी को सीएम बनाने के लिए दो दिन का वक्त मांगा

भाजपा नेता मनिंदरजीत सिंह सिरसा ने कहा कि केजरीवाल का इस्तीफा का ऐलान कोई बलिदान नहीं है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जा सकते और किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर सकते। इसलिए उनके सामने इस्तीफा देने के अलावा अब कोई विकल्प ही बाकी नहीं रह गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई शर्तों के कारण ही केजरीवाल इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुए हैं।



सिरसा ने कहा कि केजरीवाल ने बड़ी सोची समझी रणनीति के साथ इस्तीफा देने के लिए दो दिन का वक्त मांगा है। दरअसल इन दो दिनों के दौरान वे दिल्ली के विधायकों को अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम पर राजी करने की कोशिश करेंगे। केजरीवाल अपने बाद अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने 48 घंटे का समय मांगा है।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

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