JP Nadda: जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश में जुटी बीजेपी और आरएसएस, जानिए किसको मिल सकता है पार्टी का ताज

JP Nadda: जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है। बीजेपी और आरएसएस इस पर मंथन कर रहे हैं। इसके लिए सोमवार को दिल्ली में बीजेपी और संघ के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। यह बैठक पांच घटे तक चली।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 13 Aug 2024 1:20 PM GMT (Updated on: 13 Aug 2024 1:23 PM GMT)
(जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश में जुटी बीजेपी) Pic- Social- Media
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(जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश में जुटी बीजेपी) Pic- Social- Media

JP Nadda: जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा को केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद से ही उनके विकल्प की तलाश की चर्चाएं होने लगी थीं। कौन बीजेपी का अध्यक्ष बनेगा किसको कमान सौंपी जाए इसके लिए सोमवार को बीजेपी और आरएसएस नेताओं ने पांच घंटे की मैराथन बैठक की।बता दें कि इस साल फरवरी में लोकसभा चुनाव से पहले जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। अब उनका बढ़ा हुआ कार्यकाल भी खत्म हो चुका है, लेकिन बीजेपी को अभी तक नया अध्यक्ष नहीं मिला है।यहां आइए यह जानते हैं कि बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान कब तक हो सकता है और कौन-कौन से नेता इस पद की दौड़ में शामिल हैं।


Aबीजेपी और आरएसएस नेताओं की बैठक

सोमवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर बैठक हुई जिसमें बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामों पर चर्चा हुई। बैठक करीब पांच घंटे तक चली। बैठक में अमित शाह, जेपी नड्डा, बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष और आरएसएस की ओर से महासचिव दत्तात्रेय होसबोले और संयुक्त महासचिव अरुण कुमार शामिल हुए। इस बैठक में किसी नाम पर सहमति बन पाई है या नहीं अभी इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन चर्चा में कई नाम बताए जा रहे हैं।


बीजेपी के नए अध्यक्ष पद के नाम को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव आदि के नाम की चर्चा जोरों पर है। ये सभी लोग एनडीए सरकार में किसी न किसी पद पर विराजमान हैं। शिवराज, खट्टर और भूपेंद्र नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य हैं। वहीं फडणवीस महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं।


शिवराज का पलड़ा भारी

बीजेपी अध्यक्ष के लिए शिवराज सिंह चौहान का पड़ला सबसे भारी लग रहा है, क्योंकि उनके पास सरकार और संगठन का काफी लंबा अनुभव है। वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषक उनके नाम को इस आधार पर खारिज कर रहे हैं कि वो केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन यहां यह बात याद रखनी होगी कि राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा को जब बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था तो वो भी केंद्रीय मंत्री ही थे।


बीजेपी को लगा झटका

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक झटका उत्तर प्रदेश में लगा। जहां वह दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है। वहां इंडिया गठबंधन ने 43 सीटें जीत ली हैं। इंडिया गठबंधन की यह जीत कितनी बड़ी थी, उसे इस तरह से समझ सकते हैं कि बीजेपी अकेले के दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई, जबकि 2014 और 2019 में अपने दम पर बहुमत हासिल किया था। राजनीति के जानकारों का मानना है कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने बीजेपी के अति पिछड़ा वर्ग और दलित मतदाताओं में पैठ बनाई। इस वजह से ये मतदाता बीजेपी से छिटक गए। बीजेपी इन मतदाताओं को फिर से अपने पाले में लाना चाहती है। ऐसे में उसका जोर किसी ओबीसी को अध्यक्ष पद पर बिठाने पर हो सकता है। उनके इसलिए शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र यादव अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। इसका दूसरा पक्ष यह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ मंत्री ओबीसी से समाज से हैं, ऐसे क्या बीजेपी का नया अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से ही होगा या कोई सवर्ण। इस मामले में फडणवीस का पड़ला भारी है। उनके पक्ष में उनका आरएसएस का करीबी होना और ब्राह्मण चेहरा होना है।


इसी साल इन राज्यों में होना है विधानसभा चुनाव

वहीं इस साल हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा के भी चुनाव हो सकते हैं। बीजेपी के लिए ये चारों राज्य काफी महत्वपूर्ण हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा में तो उसकी सरकार ही है। ऐसे में बीजेपी की कोशिश इन चुनावों से पहले ही नया अध्यक्ष लाने की है। केरल के पलक्कड़ में आरएसएस की समन्वय बैठक 31 अगस्त और दो सितंबर के बीच होनी है। ऐसे में चर्चा है कि इससे पहले बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी ओबीसी चेहरे पर दावं लगाएगी या ब्राह्मण याद दलित। यह तो समय ही बताएगा।

Shalini Rai

Shalini Rai

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