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इंदौर में खींचतान से बीजेपी का इनकार, निकाय चुनाव से पहले कर दिया नामों का ऐलान

भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद गुरुवार देर रात 33 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी, लेकिन इसमें भोपाल, इंदौर व ग्रामीण और ग्वालियर में आम राय नहीं बन पाई है। हालांकि सबसे बड़ी मुश्किल इंदौर को लेकर है, जहां सुमित्रा महाजन कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर

suman
Published on: 6 Dec 2019 11:30 PM IST
इंदौर में खींचतान से बीजेपी का इनकार, निकाय चुनाव से पहले कर दिया नामों  का ऐलान
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इंदौर: भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद गुरुवार देर रात 33 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी, लेकिन इसमें भोपाल, इंदौर व ग्रामीण और ग्वालियर में आम राय नहीं बन पाई है। हालांकि सबसे बड़ी मुश्किल इंदौर को लेकर है, जहां सुमित्रा महाजन कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर लालवानी के बीच रस्साकशी के चलते नामों का ऐलान नहीं हो पा रहा है।जबकि बीजेपी एक राय बनाकर अध्यक्ष की घोषणा करना चाहती है, ताकि आगामी नगरीय निकाय चुनाव से पहले जनता के बीच अच्छा मैसेज जाए।

यही वजह है कि पार्टी तीनों गुटों को साधने की कवायद में लगी है। दौर में अभी तक ताई यानी सुमित्रा महाजन और भाई यानी कैलाश विजयवर्गीय के ही गुट थे और इनमें हमेशा शीतयुद्ध चलता रहता था, लेकिन अब बीजेपी में तीसरा गुट भी तैयार हो गया और वो गुट है सांई का यानी बीजेपी के सांसद शंकर लालवानी का। बीजेपी के इन तीनों दिग्गजों के बीच नगर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष को लेकर रस्साकशी चल रही है, जिसके चलते इंदौर के नगर और ग्रामीण अध्यक्ष के नामों की घोषणा अटक गई ।

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गुरुवार को प्रदेश बीजेपी ने 33 जिला अध्यक्षों की पहली सूची जारी कर दी, जिसमें इंदौर नगर और जिले का नाम नहीं है। इस बात का अंदेशा पहले से था क्योंकि दोनों ही जगहों को लेकर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और सांसद शंकर लालवानी के बीच में खींचतान शुरू से ही मची हुई थी। हालांकि बीजेपी किसी भी तरह की खींचतान से इनकार कर रही है।

बीजेपी के प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कि खींचतान जैसी स्थिति नहीं बल्कि बीजेपी के आंतरिक लोकतंत्र में परिवार का भाव है। 52 जिलों की रायशुमारी में कहीं से असंतोष की खबर नहीं आई और इंदौर की भी एक दो दिन में घोषणा हो जाएगी। इंदौर होल्ड होने से बीजेपी की लोकतांत्रिक प्रकिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं जब नेता, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के लिए प्रतिनिधियों ने अपना मत दे दिया,तो उनके मतों के हिसाब से नियुक्ति हो जाना चाहिए थी। जबकि इसे रोक दिया गया है।

बीजेपी राष्‍ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय चाहते हैं कि ऐसा खेल जम जाए कि नगर और जिला दोनों ही उनके खाते में आ जाएं।इसके लिए उन्होंने नगर में जीतू जिराती और गौरव रणदिवे पर दांव खेला, तो वहीं ग्रामीण में चिंटू वर्मा के लिए ताकत लगा दी। उधर ताई भी चाहती हैं कि नगर में उमेश शर्मा और गांव में राजेश सोनकर अध्यक्ष बन जाएं। जबकि सांसद शंकर लालवानी कमल वाघेला और मनोज पटेल का नाम सुझा रहे हैं। ऐसे में तीनों नेताओं के बीच में तालमेल नहीं बन पा रहा है जिससे इंदौर को होल्ड पर रख दिया गया है।

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