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Ram Mandir: कांग्रेस के न्योता ठुकराने पर BJP का तीखा हमला, कहा-ये महात्मा गांधी की नहीं, नेहरू की कांग्रेस, पार्टी को बताया सनातन विरोधी

Ram Mandir: कांग्रेस के इस फैसले को लेकर पार्टी में भी घमासान छिड़ गया है और पार्टी के कुछ नेताओं ने इस फैसले पर तीखी आपत्ति जताई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 11 Jan 2024 7:43 AM GMT (Updated on: 11 Jan 2024 8:26 AM GMT)
Ram Mandir: कांग्रेस के न्योता ठुकराने पर BJP का तीखा हमला, कहा-ये महात्मा गांधी की नहीं, नेहरू की कांग्रेस, पार्टी को बताया सनातन विरोधी
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Ram Mandir: कांग्रेस की ओर से अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता ठुकराए जाने पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नहीं बल्कि नेहरू की कांग्रेस है। महात्मा गांधी खुद रामराज्य की कल्पना किया करते थे जबकि इन्होंने भगवान राम तक को काल्पनिक बता डाला था।

कांग्रेस को बहिष्कार पार्टी बताते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न सम्मान समारोह तक का बहिष्कार किया था जबकि उन्होंने पूर्व में कांग्रेस नेता के रूप में ही अपनी सियासी जिंदगी बिताई थी। कांग्रेस की ओर से बुधवार को ऐलान किया गया था कि पार्टी के नेता अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। कांग्रेस के इस फैसले को लेकर पार्टी में भी घमासान छिड़ गया है और पार्टी के कुछ नेताओं ने इस फैसले पर तीखी आपत्ति जताई है।

कई महत्वपूर्ण मौकों पर कांग्रेस ने किया बहिष्कार

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ पता नहीं कैसी समस्या है कि जब भारत का इतिहास करवट ले रहा होता है तब-तब वह बहिष्कार करने में जुट जाती है। उन्होंने कांग्रेस की ओर से किए गए कई बहिष्कारों के उदाहरण भी गिनाए। उन्होंने कहा कि जब देश में जीएसटी लागू करने का बड़ा फैसला लिया गया था तब भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया था।

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कांग्रेस ने राष्ट्रपति की ओर से आयोजित भोज का बहिष्कार किया था। इस पार्टी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी बहिष्कार किया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के कार्यक्रम का भी कांग्रेस ने बायकॉट किया था।

कांग्रेस बन गई है बहिष्कार पार्टी

उन्होंने कहा कि 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था।

अब पार्टी ने अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बहिष्कार का भी ऐलान कर दिया है। 500 साल के बड़े संघर्ष के बाद जब भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है तो पार्टी इसका भी बहिष्कार कर रही है। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस सही मायने में बहिष्कार पार्टी बन गई है।

भगवान राम को बता दिया था काल्पनिक

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ था, तब नेहरू केवल शामिल ही नहीं हुए, बल्कि जो पत्र लिखा गया वो जगज़ाहिर है। इंदिरा गांधी के शासन का जिक्र करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उनके समय में गौसेवकों पर गोलियां चली थीं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रामराज्य की कल्पना की आकर थे जबकि सोनिया गांधी के जमाने में भगवान राम को काल्पनिक बता दिया गया।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब किसी को कोई कार्य नहीं करना हो तो वो बहाना खोजता है। उसी तरह कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ये बहाना बनाया है कि यह कार्यक्रम बीजेपी और आरएसएस का है। सबको इस बात की बखूबी जानकारी है कि यह कार्यक्रम राम मंदिर से जुड़ी समिति की ओर से आयोजित किया जा रहा है।

कांग्रेस ने साफ कर दिया अपना रुख

कांग्रेस ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को लेकर अपना रुख साफ कर दिया था। पार्टी की ओर से बुधवार को ऐलान किया गया था कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। पार्टी का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी और संघ ने चुनावी लाभ हासिल करने के लिए इसे राजनीतिक परियोजना बना दिया है।

कांग्रेस नेतृत्व के इस फैसले पर पार्टी के कुछ नेताओं ने भी आपत्ति जताई है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि भगवान राम सबके हैं। ऐसे में कांग्रेस को इस कार्यक्रम से दूरी नहीं बनानी चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व के इस फैसले ने भाजपा को हमला करने का बड़ा मौका भी मुहैया करा दिया है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh from Kanpur. I Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During my career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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