Lok Sabha Election: पूर्व और पूर्वोत्तर में कुनबे को मजबूत करने में जुटी बीजेपी, जानें कौन-कौन हुए शामिल

Lok Sabha Election 2024: उत्तर और पश्चिम में सफलता के झंडे गाड़ने वाली भाजपा दक्षिण और पूर्व में बेहद कमजोर स्थिति में है।

Krishna Chaudhary
Published on: 26 Feb 2024 5:57 AM GMT (Updated on: 26 Feb 2024 6:04 AM GMT)
Lok Sabha Election 2024
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BJP Lok Sabha Election 2024  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर देश में सियासी बिसात बिछने लगी है। अगले माह कभी भी चुनाव तारीखों का ऐलान हो सकता है। लगातार दो बार से स्पष्ट जनादेश के साथ केंद्र में सरकार बना रही भारतीय जनता पार्टी की नजर इस बार हैट्रिक लगाकर एक नया इतिहास रचने की है। लेकिन पार्टी के सामने वो राज्य चुनौती बने हुए हैं, जहां उसे पारंपरिक रूप से कमजोर माना जाता रहा है।

उत्तर और पश्चिम में सफलता के झंडे गाड़ने वाली भाजपा दक्षिण और पूर्व में बेहद कमजोर स्थिति में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अबकी बार 400 पार के लिए जरूरी है कि बीजेपी स्वयं और अपने सहयोगियों की बदलौत उन राज्यों में भी शानदार प्रदर्शन करे, जहां उसके लिए खाता खोलना तक मुश्किल रहा है। यही वजह है कि ऐसे राज्यों में इन दिनों विरोधी दलों के जनाधार वाले नेताओं की जमकर ज्वाइनिंग कराई जा रही है।

अरूणाचल में कांग्रेस-एनपीपी में लगाई सेंध

भारतीय जनता पार्टी ने चीन सीमा पर स्थित पूर्वोत्तर राज्य अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस और एनपीपी में बड़ी सेंध लगाई है। दोनों पार्टियों के दो-दो विधायक यानी कुल चार विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा है। भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस विधायकों में पूर्व केंद्रीय मंत्री निनॉन्ग एरिंग और वांगलिन लोवांगडोंग शामिल हैं। वहीं, एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) के मुच्चू मीठी और गोकर बसर ने बीजेपी की सदस्यता हासिल की।

बता दें कि अरूणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। कभी ये राज्य कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता था। लेकिन बीजेपी ने ऑपरेशन लोट्स चलाकर कांग्रेस के कई नेताओं को अपने पाले में कर लिया। 60 सदस्यीय अरूणाचल विधानसभा में अब बीजेपी के पास 53 विधायक हो गए हैं। उसे अन्य तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है।

ओडिशा में बीजद को दिया झटका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा सीएम नवीन पटनायक के करीबी रिश्ते ने पिछले दिनों बीजेपी और बीजद के बीच चुनावी तालमेल को लेकर अटकलों का बाजार गरमा दिया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को राज्यसभा जाने में बीजद की मदद ने अटकलों को और हवा दी। इन सबके बीच राज्य में दल- बदल का दौर जारी है। बीजेपी ने बीजद और कांग्रेस दोनों में सेंध लगाई है।

पूर्व मंत्री और चार बार के बीजद (बीजू जनता दल) विधायक देबासिस नायक और पूर्व कांग्रेस विधायक निहार रंजन मोहनंदा में रविवार देर शाम बीजेपी में शामिल हो गए। बता दें कि ओडिशा में भी लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में बीजेपी अपने कुनबे को जनाधार वाले विपक्षी नेताओं की मदद से मजबूत करने में जुटी हुई है।

तमिलनाडु में भी जारी है अभियान

बीजेपी की नजर इस बार ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर खासतौर पर है। जहां लोकसभा की कुल 60 सीटें हैं। बीजेपी को 2019 के चुनाव में इन दोनों राज्यों से महज 8 सीट हासिल हुई थी। सभी सीटें ओडिशा की हैं। भगवा दल की कोशिश इस बार ओडिशा की 21 में से कम से कम 15 सीटें जीतने का लक्ष्य है।

पिछले चुनाव में तमिलनाडु में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था, जबकि उसका एआईएडीएमके जैसी ताकतवर रीजनल पार्टी के साथ गठबंधन था। इस बार पार्टी अकेले कुछ छोटी पार्टियों के साथ चुनाव में जा रही है। बीजेपी ने एआईएडीएमके और कांग्रेस के कई जनाधार वाले नेताओं को अपने पाले में किया है। 39 सीटों वाली तमिलनाडु में पार्टी का लक्ष्य शून्य से दहाई के आंकड़े तक पहुंचना है।

Monika

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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