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कर्नाटक हार से भाजपा ने लिया सबक, राजस्थान में बदलेगी चुनावी रणनीति, वसुंधरा राजे को मिलेगी अहम जिम्मेदारी

BJP Vasundhara Raje: कर्नाटक की हार से सबक लेते हुए अब राजस्थान में भाजपा की चुनाव रणनीति में बदलाव दिखने की संभावना जताई जा रही है। अब पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

Anshuman Tiwari
Published on: 17 May 2023 1:43 PM GMT (Updated on: 17 May 2023 2:34 PM GMT)
कर्नाटक हार से भाजपा ने लिया सबक, राजस्थान में बदलेगी चुनावी रणनीति, वसुंधरा राजे को मिलेगी अहम जिम्मेदारी
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BJP Vasundhara Raje (सोशल मीडिया)

BJP Vasundhara Raje: कर्नाटक में मिली चुनावी हार के बाद भाजपा में उन राज्यों को लेकर चिंता पैदा हो गई है जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावी राज्यों में राजस्थान भी शामिल है जहां इस साल के अंत में राज्य के मतदाता अगली सरकार का फैसला करेंगे। राजस्थान कांग्रेस की तरह राजस्थान भाजपा में भी पिछले काफी दिनों से जबर्दस्त गुटबाजी दिखती रही है। भाजपा नेतृत्व चाहकर भी इस गुटबाजी का हल नहीं निकाल सका है।

कर्नाटक की हार से सबक लेते हुए अब राजस्थान में भाजपा की चुनाव रणनीति में बदलाव दिखने की संभावना जताई जा रही है। जानकार सूत्रों के मुताबिक अब पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब वसुंधरा को राजस्थान में फ्रंटफुट पर बैटिंग करने का मौका देना चाहता है। वसुंधरा राजे पिछले काफी दिनों से नाराज दिख रही हैं और माना जा रहा है कि इस कदम के जरिए उनकी नाराजगी दूर करने में भी मदद मिलेगी।

कर्नाटक की हार से मिले कई सबक

दरअसल कर्नाटक में मिली चुनावी हार से भाजपा को कई नसीहतें मिली हैं। कर्नाटक की हार के बाद अड राज्यों में पार्टी का मजबूत नेतृत्व खड़ा करने की जरूरत महसूस की जा रही है। माना जा रहा है कि सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के केंद्रीय नेताओं के भरोसे राज्यों को नहीं छोड़ा जा सकता। कर्नाटक में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत कई बड़े नेताओं ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। इसके बावजूद पार्टी को कांग्रेस के मुकाबले बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।

पार्टी इस चुनावी हार का लगातार विश्लेषण करने में जुटी हुई है। एक महत्वपूर्ण कारण यह भी माना जा रहा है कि येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद बसवराज बोम्मई राज्य के मतदाताओं पर ज्यादा असर छोड़ने में कामयाब नहीं हो सके। इसी कारण पार्टी अब राज्यों में मजबूत नेतृत्व खड़ा करने की मुहिम की तैयारी में जुट गई है।

राजस्थान में गुटबाजी खत्म करने की तैयारी

राजस्थान में भाजपा कई गुटों में बंटी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक उन्हें लंबे समय से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग करते रहे हैं। दूसरी ओर राज्य भाजपा के अन्य गुट पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ने की मांग करते रहे हैं। वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य भाजपा के कद्दावर नेता सतीश पूनिया पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ने की मांग के पक्षधर हैं। इसीलिए पार्टी नेतृत्व की ओर से अभी तक वसुंधरा राजे को फ्रंटफुट पर बैटिंग करने का मौका नहीं दिया गया था मगर कर्नाटक की चुनावी हार के बाद अब पार्टी की रणनीति में बदलाव की आहट सुनी जा रही है।

माना जा रहा है कि बदली हुई रणनीति के तहत अब भाजपा नेतृत्व की ओर से वसुंधरा राजे को के चेहरे को आगे किया जा सकता है। राजस्थान के मतदाताओं पर वसुंधरा राजे की मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस कदम के जरिए भाजपा वसुंधरा राजे समर्थकों को संतुष्ट करने के साथ ही राजस्थान में अपनी सियासी जीत का मार्ग प्रशस्त करना चाहती है।

भाजपा इसलिए बदल रही रणनीति

भाजपा सूत्रों का कहना है कि चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़ा चेहरा बने रहेंगे मगर पार्टी की ओर से स्थानीय नेतृत्व को भी पूरी तरजीह दी जाएगी। भाजपा नेताओं का मानना है कि कर्नाटक में स्थानीय नेताओं की उपेक्षा पार्टी नेतृत्व को काफी भारी पड़ी।

दूसरी ओर कांग्रेस के पास पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के रूप में राज्य स्तर का मजबूत नेतृत्व उपलब्ध था। इसका कांग्रेस को बड़ा सियासी फायदा भी मिला है। इसी कारण भाजपा की अपनी रणनीति बदलते हुए वसुंधरा राजे को मजबूत स्थिति में सामने लाने की तैयारी में जुट गई है।

अब वसुंधरा राजे निभाएंगी बड़ी भूमिका

भाजपा सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वसुंधरा राजे भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी। पार्टी की ओर से राजे के जनाधार का फायदा उठाते हुए चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी। राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे अन्य चुनावी राज्यों में भी पार्टी की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। कर्नाटक की हार के बाद भाजपा में लगातार मंथन का दौर जारी जारी है और माना जा रहा है कि पार्टी बदली हुई रणनीति के तहत कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का सामना करने की तैयारी में जुट गई है।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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