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हिमाचल चुनाव : वीरभद्र की कर्मभूमि 'रोहडू' में BJP ठोक रही ताल

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में यूं तो हर सीट पर दिग्गज नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों मुख्य पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हमेशा से दबदबा रहा है।

tiwarishalini
Published on: 8 Nov 2017 12:18 PM IST
हिमाचल चुनाव : वीरभद्र की कर्मभूमि रोहडू में BJP ठोक रही ताल
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नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में यूं तो हर सीट पर दिग्गज नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों मुख्य पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हमेशा से दबदबा रहा है। इस सीटों पर आलम ये हैं कि विपक्षी दलों के लिए यहां जीत की गुंजाइश न के बराबर ही रहती है। ऐसी ही एक सीट है 'रोहडू', जिसे वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है।

सीट संख्या-67 यानी रोहडू विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 112,238 है, जिसमें से इस दफा 68,568 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। शिमला लोकसभा क्षेत्र और शिमला जिले का हिस्सा रोहडू विधानसभा किसी पहचान का मोहताज नहीं है।

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रोहडू पर कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है। 1977 को छोड़ दें तो यहां हुए अब तक आठ चुनावों में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल कर बीजेपी को इस क्षेत्र से महरूम रखा है। इस विधानसभा क्षेत्र से अकेले ही छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह ने पांच बार लगातार चुनाव जीता है। इस कारण इस क्षेत्र को वीरभद्र की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है।

2008 में परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया। सीट आरक्षित होने के बाद वीरभद्र को यह सीट छोड़नी पड़ी और उन्होंने शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। लेकिन वीरभद्र का साथ छूटने के बाद भी क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा और अगले चुनाव 2012 में भी कांग्रेस ने ही बाजी मारी। वीरभद्र सिंह का नाम जुड़ा होने के कारण इस क्षेत्र में जाति समीकरण अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं।

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कांग्रेस का गढ़ रहे रोहडू में 2012 चुनाव में मोहन लाल बराक्टा ने पार्टी के बैनर तले चुनाव जीता था। 52 साल के मोहन कानून में स्नातक हैं। परिसीमन के बाद उन्हें यह सीट वीरभद्र की विरासत के रूप में मिली है। राजनीति का लंबा अनुभव न होने के कारण भी उन्होंने रोहडू पर आसानी से जीत दर्ज कर ली थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में मोहन ने बीजेपी के बालक राम नेगी को रिकॉर्ड 28,415 मतों से हराया था। साधारण परिवार से ताल्लुक रखते मोहन अपनी सादगी के लिए जनता के बीच प्रसिद्ध है। मोहन ने 2017 चुनाव में नामांकन दाखिल कर अपनी दावेदारी पेश की है।

वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा हमेशा से ही इस क्षेत्र में चुनौती पेश करने में विफल रही है। पहले वीरभद्र और अब मोहन बीजेपी के लिए गले की फांस बने हुए हैं। बीजेपी ने चुनाव में महिला प्रत्याशी शशि बाला को मैदान में उतारा है। शशि बाला रोहडू विधानसभा से खड़ी होने वाली पहली महिला प्रत्याशी हैं और पार्टी में जिला महासू महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। शशि रोहड़ू में कुछ माह पहले ही सक्रिय हुई हैं, जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें अपना विधानसभा प्रत्याशी घोषित किया है।

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इसके अलावा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के शूरवीर सिंह और स्वाभिमान पार्टी के नारायण चंद अपनी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश चुनाव में हर नेता की किस्मत और कुर्सी दांव पर लगी है लेकिन कांग्रेस के लिए जंग वीरभद्र की विरासत को बचाने की है। आंकड़े दर्शाते हैं कि यहां कब्जा और सियासत दोनों कांग्रेस के माफिक ही रही है, जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि नतीजे भी कुछ इसी तरह की ही कहानी बयां करने जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में मतदान 9 नवंबर को होने जा रहा है।

--आईएएनएस

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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