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कुत्तों की तरह ऐसे लोगों को गोली मार दो, भाजपा के बड़े नेता का विवादित बयान
प.बंगाल के भाजपा नेता ने नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के प्रति इस आशय का कमेंट करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानें में लिप्त लोगों को उसी तरह हत्या और गोली से उड़ाने की धमकी दी है जैसा कि उत्तर प्रदेश और असम में हुआ है।
भाजपा के एक बड़े नेता के ताजा बयान से नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस नेता ने ऐसे लोगों को गोली से उड़ाने और हत्या किये जाने की धमकी दी है जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल हैं।
प.बंगाल के भाजपा नेता ने नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के प्रति इस आशय का कमेंट करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानें में लिप्त लोगों को उसी तरह हत्या और गोली से उड़ाने की धमकी दी है जैसा कि उत्तर प्रदेश और असम में हुआ है।
प. बंगाल के नादिया जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष गत वर्ष दिसंबर में सार्वजनिक परिवहन और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर लाठीचार्ज व गोली न चलवाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला कर रहे थे।
उन्होंने जनता से सवाल किया कि जो संपत्ति नष्ट हुई उसमें किसका पैसा लगा थी। क्या वह मेरा पैसा था, वह आपका पैसा था। उन्होंने ट्रेनों को आग में झोंक दिया किसका पैसा नष्ट हुआ, लेकिन एक भी गोली नहीं चली, कोई लाठीचार्ज भी नहीं हुआ न ही एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस ने किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया। उन्होंने सवाल किया कि जो संपत्ति को नष्ट कर रहे थे क्या वह उनके बाप की संपत्ति थी। उन्होंने कहा कि कोई कर देने वालों लोगों के पैसे से बनी संपत्ति को कैसे नष्ट कर सकता है।
ये बोलने पर हुआ बवाल
इसके बाद घोष असम और उत्तर प्रदेश में हुई फायरिंग का हवाला देते हुए कहते हैं कि उत्तर प्रदेश और असम में हमारी सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों को कुत्तों की तरह गोली मार दी। वह गिरफ्तार हुए और उन पर केस भी दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि यहां आओ सुविधाओं का लाभ उठा मौज करो और देश की संपत्ति नष्ट करो, क्या ये कोई जमींदारी है। हम आपको लाठी से पीटेंगे, गोली मारेंगे और पकड़ कर जेल में डाल देंगे।
इस बयान पर विवाद शुरू होने पर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि घोष का इस तरह का बयान गैरजिम्मेदाराना है और भाजपा का एक पार्टी के रूप में घोष के बयान से कोई लेना देना नहीं है। यह उनकी दिमागी कल्पना है। असम और यूपी में भाजपा सरकारों ने ऐसा कुछ नहीं किया।