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मुलायम के सबसे खास परिवार पर बीजेपी की नजर, 2024 के लिए तैयार हो रहा बड़ा सियासी गणित?

इसकी लकीर कानपुर से खींची जा रही है, सोमवार को मुलायम सिंह यादव के करीबी और बड़े समाजवादी नेता स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 25 July 2022 6:41 PM IST
BJp eyes Yadav Vote in UP
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BJp eyes Yadav Vote in UP (Image: Newstrack)

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BJP Eyes Yadav Vote: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का अगर किसी दल से सीधा मुकाबला है तो वह समाजवादी पार्टी है। बसपा और कांग्रेस के कमजोर होने से बीजेपी यूपी में मजबूत हुई तो वहीं यादव-मुस्लिम वोट बैंक के सहारे सपा ही बीजेपी को करारी टक्कर देती नजर आती है। अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सपा के यादव वोट बैंक में सेंधमारी कर उसे कमजोर करने की जुगत लगा रही है। इसकी लकीर कानपुर से खींची जा रही है, सोमवार को मुलायम सिंह यादव के करीबी और बड़े समाजवादी नेता स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी को कानपुर आना था, लेकिन राष्ट्रपित के शपथ ग्रहण समारोह की वजह से वह नहीं आ सके।

कानपुर के मेहरबान सिंह पुरवा में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम के लिए विशाल पंडाल बनाया गया था। जिसमें पांच हजार के बैठने की व्यवस्था की गई थी। इस कार्यक्रम का आयोजन हरमोहन सिंह के बेटे पूर्व राज्यसभा सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव ने किया था। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के साथ तमाम स्थानीय बीजेपी नेता मौजूद रहे। इसके साथ ही अखिल भारतीय यादव महासभा से जुड़े करीब 12 राज्यों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शिरकत किए। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए यादव समाज में बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

यादव वोट बैंक पर नजर

दरअसल बीजेपी की नजर समाजवादी पार्टी के यादव वोट बैंक पर है, जिनकी आबादी उत्तर प्रदेश में लगभग 6 फीसदी के करीब है। यूपी का यादव मुलायम सिंह और अखिलेश को अपना नेता मानते हैं। यादवों के इसी वोट पर बीजेपी ने अपनी नजर गड़ा दी है। यूपी चुनाव से पहले सपा को झटका देने के लिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अपनी पार्टी में शामिल किया। अब सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के सबसे विश्वस्त सलाहकार और सिपहसालार रहे चौधरी हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम को सीधे पीएम मोदी के द्वारा संबोधित किया जाना कहीं न कहीं यादवों में बड़ा संदेश देने की कोशिश है। इससे पहले सपा के गढ़ आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को उपचुनाव में फिर से मैदान में उतारकर किला फतह करने के बाद 2024 में यादव बेल्ट में भी कमल खिलाने की रणनीति बनाई है।

बीजेपी का मिशन 80

यूपी विधानसभा चुनाव में दोबारा ऐतिहासिक जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी अब मिशन 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी ने 24 के लिए 80 सीटों का टारगेट रखा। वह सवर्णों, दलित और गैर यादव ओबीसी में अपनी अच्छी पैठ बना चुकी है। अब यादव वोट में सेंध लगाने के लिए कसरत हो रही है। क्योंकि चौधरी सुखराम सिंह यादव मुलायम सिंह यादव के सबसे खास तो थे ही वह अपने समाज के कद्दावर नेता भी थे। अब चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जरिए बीजेपी 2024 से पहले यादव वोट बैंक में सेंधमारी करने का चक्रव्यूह रच रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनके पौत्र मोहित यादव ने बीजेपी ज्वाइन किया था और बीजेपी प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी किया था। अब नजर चौधरी हरमोहन सिंह के बेटे सुखराम यादव पर है, बीजेपी यादव परिवार को भाजपामय करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।

सपा का दरकता जा रहा है किला

अखिलेश यादव के हाथों में जब से समाजवादी पार्टी की कमान आई है, उनके अपने जो एक वक्त मुलामय सिंह यादव के खास हुआ करते हुए उनका साथ छोड़कर चले गए। जिससे सपा अंदर और बाहर दोनों मोर्चे पर कमजोर नजर आने लगी है। मुलायम सिंह यादव का ही समीकरण था जिसे अब अखिलेश यादव भुना रहे हैं। एम-वाई समीकरण के जरिए ही सपा की चार बार यूपी में सरकार बनाई। अब बीजेपी उनके इसी वोट बैंक पर चोट कर उसमें बंटवारा की जुगत लगा रही है। क्योंकि पिछड़ों और अतिपिछड़े वोट बैंक साधने में जुटी बीजेपी के लिए यादव समुदाय सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में अगर हरमोहन सिंह यादव का परिवार पूरी तरह बीजेपी का झंडा उठा लेता है तो यह भाजपा के लिए बड़ी सियासी बढ़त होगी और समाजवादी पार्टी को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।



Rakesh Mishra

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