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Cheetah in India: अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों के भोजन पर बवाल, बिश्नोई समाज के बाद BJP नेता ने किया विरोध
Cheetah In India: कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को भोजन में हिरण और चीतल परोसे जाने का मामला गरमाता जा रहा है। खास बात ये है कि बीजेपी नेता ही इसका विरोध करने लगे हैं।
Cheetah in India: अफ्रीकी देश नामीबिया से भारत लाए गए चीते (Cheetah in India) अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी छाए रहे। 17 सितंबर यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के जन्मदिन पर इन 8 अफ्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में छोड़ा गया। इन चीतों को परोसे जाने वाले भोजन को लेकर भारत में बवाल हो गया है। चीतों को भोजन में हिरण और चीतल परोसे जाने का मामला गरमाता जा रहा है। खास बात ये है कि बीजेपी नेता ही इसका विरोध करने लगे हैं।
हरियाणा के दिग्गज गैर – जाट नेता कुलदीप बिश्नोई ने चीतों को भोजन में हिरण और चीतल परोसे जाने की निंदा की है। पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले बिश्नोई ने केंद्र सरकार से इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
कुलदीप बिश्नोई ने जताई नाराजगी
आदमपुर विधानसभा सीट (Adampur assembly seat) से विधायक रहे कुलदीप बिश्नोई Kuldeep Bishnoi) ने ट्वीट कर कहा, चीतों के भोजन हेतु चीतल व हिरण भेजने की सूचनाएं आ रही हैं,जो अति निंदनीय है। मेरा केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि राजस्थान में विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे, हिरणों की प्रजाति और बिश्नोई समाज की भावनाओं को देखते हुए इस मामले की जांच करवाई जाए और अगर ऐसा है तो तुरंत इस पर रोक लगाई जाए।
बिश्नोई समाज भी जता चुका है नाराजगी
हिरणों से आध्यात्मिक जुड़ाव रखने वाला राजस्थान का बिश्नोई समाज (Bishnoi Samaj) इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। बिश्नोई महासभा (Bishnoi Mahasabha) के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया (President Devendra Boodia) ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी को एक खत भी भेजा है। खत में कहा गया कि भारत में विलुप्त हो चुके चीतों को पुनर्स्थापित करने के लिए अफ्रीका से जिन चीतों को लाया गया है, उनके भोजन के लिए चीतल और हिरण को परोसा गया है, उससे बिश्नोई समाज बहुत आहत है। समाज पिछले पांच शताब्दियों से पर्यावरण, प्रकृति और वन्य जीवों की रक्षा कर रहा है। पत्र में आगे कहा गया कि हम विश्व के एकमात्र समाज हैं, जो वृक्षों और वन्य जीवों के लिए बलिदान देते आए हैं। इस काम में हमारे समाज के 363 लोगों ने अपने प्राण की आहूति दी है।
बता दें कि अफ्रीकी चीतों की भूख को मिटाने के लिए एमपी के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में 181 चीतल छोड़े गए हैं। इन्हें एमपी के ही राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ीखो अभ्यारण्य से यहां लाया गया है। साउथ अफ्रीका और नामीबिया से आए विशेषज्ञों ने कूनों में चीतल की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिए थे।