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ममता के खिलाफ भाजपा का मास्टरप्लान तैयार, इस रणनीति से मात देने की तैयारी
मौजूदा समय में भाजपा का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल पर ही केंद्रित हो गया है और केंद्र सहित दूसरे राज्यों के नेताओं को भी मिशन पश्चिम बंगाल में लगा दिया गया है।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दस साल के राज को खत्म करने के लिए भाजपा ने मास्टरप्लान तैयार कर लिया है। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अगले पांच महीने की तैयारी के बाद अपनी रणनीति पर अमल भी शुरू कर दिया है।
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मौजूदा समय में भाजपा का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल पर ही केंद्रित हो गया है और केंद्र सहित दूसरे राज्यों के नेताओं को भी मिशन पश्चिम बंगाल में लगा दिया गया है। पश्चिम बंगाल में भाजपा की गतिविधियां पिछले दो महीने से काफी बढ़ गई हैं और विभिन्न राज्यों से आए संगठन और संवाद के मामले में माहिर माने जाने वाले नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अपनी जिम्मेदारी भी संभाल ली है।
इस रणनीति से पार्टी को जबर्दस्त फायदा
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हर महीने पश्चिम बंगाल के दौरे की रणनीति का पार्टी को जबर्दस्त फायदा मिलता दिख रहा है। नड्डा के पिछले पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान उनके काफिले पर हमले के मामले ने जबर्दस्त सियासी तूल पकड़ लिया था और इसे कैश कराने में भाजपा पूरी तरह कामयाब रही।
दूसरी ओर इस हमले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैकफुट पर दिखीं। इस हमले के बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर भी तमाम सवाल उठे हैं और इन सवालों का जवाब देना ममता के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
शाह के दौरे से टीएमसी को भारी झटका
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाल में हुए पश्चिम बंगाल के दौरे से भाजपा कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह का संचार हुआ है। तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले बीरभूम जिले में शाह के जोरदार रोड शो से भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है।
शाह की यात्रा के दौरान तृणमूल कांग्रेस को जबर्दस्त झटका भी लगा है। तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। तृणमूल कांग्रेस में बढ़ती नाराजगी को देखकर माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी को और भी झटके लगेंगे।
नेताओं को 6-6 लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी
ममता के खिलाफ भाजपा की ओर से बनाई गई रणनीति के तहत सात नेताओं को 6-6 लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं और भाजपा के सात वरिष्ठ नेताओं गजेंद्र सिंह शेखावत, संजीव बालियान, केशव प्रसाद मौर्य, अर्जुन मुंडा, नरोत्तम मिश्रा और मनसुख मंडाविया को 6-6 लोकसभा क्षेत्र की कमान सौंपी गई है।
इनके अलावा अन्य केंद्रीय मंत्रियों को भी राज्य में भाजपा की चुनावी फिजां बनाने में लगाया गया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव तक हर क्षेत्र में मतदाताओं तक पहुंचे बनाने की रणनीति तैयार की है।
संगठन में माहिर नेताओं को भी लगाया
इन नेताओं के साथ ही संगठन के काम में माहिर माने जाने वाले नेताओं को भी पश्चिम बंगाल में भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने में लगाया गया है। भाजपा ने संगठनात्मक रूप से पश्चिम बंगाल को 5 हिस्सों में बांटकर जिम्मेदारी सौंपी है।
उत्तरी बंगाल की कमान संयुक्त संगठन मंत्री शिव प्रकाश के जिम्मे है जबकि राढ़ बंग क्षेत्र में रविंद्र जाजू और विनोद सोनकर की टीम सक्रिय है। कोलकाता में सुनील बंसल और दुष्यंत गौतम को मोर्चे पर लगाया गया है।
नवदीप में भीखू भाई दलसानिया के साथ विनोद तावड़े और हावड़ा मेदिनीपुर में पवन राणा के साथ सुनील देवधर और सांसद हरीश द्विवेदी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पार्टी का भोजन और संपर्क अभियान पर जोर
इसके साथ ही पार्टी की ओर से मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए भोजन और संपर्क अभियान पर भी जोर दिया जा रहा है। पार्टी के नेताओं को विभिन्न क्षेत्रों के दौरों के समय किसी सामान्य व्यक्ति के घर भोजन जाकर करने को कहा गया है।
खास तौर पर किसान, मजदूर, दलित, पिछड़ा और कलाकार आदि को महत्व देने की बात तय की गई है। इसके जरिए पार्टी की जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने की कोशिश है। इसके साथ ही बड़े नेताओं के रोड शो और रैलियों का कार्यक्रम भी तय किया जा रहा है।
चुनावी दावों को लेकर चले सियासी तीर
इस बीच भाजपा के चुनावी दावों को लेकर टीएमसी भाजपा के बीच सियासी तीर चल रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर पाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह के विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने के दावे के बाद किशोर ने कहा कि यदि भाजपा दहाई का आंकड़ा पार करने में कामयाब हुई तो वे ट्विटर छोड़ देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कृपया यह ट्वीट सुरक्षित कर लीजिए और और अगर भाजपा ने इससे अच्छा प्रदर्शन करती है तो मैं
टि्वटर छोड़ने के लिए तैयार हूं।
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प्रशांत किशोर के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा की सुनामी को देखते हुए एक बार नई सरकार बन गई तो देश निश्चित रूप से एक चुनावी रणनीतिकार खो देगा। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजों में भाजपा अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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