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अटल बिहारी ने किया था गठबंधन, शिवसेना को तलाक देगी 'मोदी' की बीजेपी !
मुंबई : भले ही बीजेपी और शिवसेना राजग के सबसे पुराने साथी हो, महाराष्ट्र की सरकार में दोनों का गठबंधन हो। लेकिन बाला साहब ठाकरे के दौरान रही मधुरता दोनों दलों से समाप्त होने को है। दोनों पार्टियों के बीच की तल्खी अब जग जाहिर है।
शिवसेना नेताओं ने और मुख पत्र सामना समय-समय पर बीजेपी के साथ ही पीएम नरेन्द्र पर हमलावर बना रहता है। लेकिन पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपई के समय से चल रहे इस गठबंधन का सम्मान करते हुए बीजेपी नेता सधी प्रतिक्रिया ही देते रहे हैं। लेकिन, अब लगता है कि पानी सिर के ऊपर से बहने लगा है। तभी तो इस बात के संकेत मिल रहे हैं, कि बीजेपी जल्द ही शिवसेना से अपने रिश्ते पर पूर्णविराम लगाने वाली है।
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ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं, क्योंकि गुरुवार को पार्टी की कोर कमिटी की बैठक सूबे के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल के घर पर हुई। इसमें सीएम देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राव साहब दन्वे, शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े और ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे मौजूद रहे। इस बैठक में शिवसेना द्वारा राज्य सरकार के निर्णयों पर किये जा रहे हमले चर्चा का विषय रहे।
हमारे करीबी सूत्रों के मुताबिक इस चर्चा में कई घंटे सिर खपाने के बाद निर्णय लिया गया कि, या तो पार्टी शिवसेना के बिना मध्यावधि चुनाव में उतरे और मतदाता पर छोड़ दे की उसे किसे चुनना है। या फिर कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों को तोड़ सूबे में पार्टी मजबूत कर शिवसेना को अलविदा बोल दिया जाए।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है, और सभी नेताओं में इस बात की सहमति बनी कि बजट के दौरान होने वाली वोटिंग में शिवसेना क्या करती है। इसके साथ ही इस बात पर भी नजर रखी जाएगी कि, क्या सेना किसानों की कर्ज माफी के नाम पर विपक्ष की ओर से आयोजित राज्यव्यापी यात्रा में शामिल होती है?
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फिलहाल आपको बता दें, कि बीजेपी के पास 288 विधानसभा सीटों में से 122 हैं। बहुमत के लिहाज से पार्टी के पास 23 विधायक कम हैं। जबकि, उसके पास 13 विधायकों का समर्थन हासिल है, जो निर्दलीय और छोटे दलों से आते हैं। ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए सिर्फ 10 विधायकों की दरकार है। किसी जोड़ गणित के बाद ये 10 यदि अगर बीजेपी के पाले में आ जाते हैं तो उसे शिवसेना के 63 विधानसभा सदस्यों की जरूरत नहीं पड़ेगी।