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सोनू निगम के बाद बीजेपी नेत्री कल्पना ने दिया अजान पर विवादित बयान, प्रतिबंध लगाने की मांग

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Published on: 20 April 2017 5:14 AM GMT
सोनू निगम के बाद बीजेपी नेत्री कल्पना ने दिया अजान पर विवादित बयान, प्रतिबंध लगाने की मांग
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आगरा: एक तरफ जहां सोनू निगम के 'अजान' से जुड़े ट्वीट की वजह एस बवाल मचा हुआ है, वहीं नेता भी इसमें कूदने से पीछे नहीं हट रहे हैं आगरा की एक भाजपा नेत्री कल्पना धाकरे ने सोनू निगम के ट्वीट को सही ठहराते हुए इस मुद्दे को और हवा दे दी है। इसका ज़िक्र उस समय बड़ा मुद्दा बन गया, जब मायानगरी के मशहूर गायकों में शुमार सोनू निगम ने अपने ट्विटर ब्लॉग पर इसके बारे में अजीबोगरीब ट्वीट कर दिया। जिसके बाद कहीं सोनू निगम का पुतला जलाया गया, तो कहीं उनके गीतों का बायकॉट किया गया।

ताजनगरी में सोनू के इस ट्वीट की तारीफें भाजपा नेत्री कल्पना धाकरे ने की। सोनू निगम के लिए उनकी तारीफें उन्हीं पर भारी पड़ गई हैं, उल्टा खुद वह सवालों के घेरे में आ गई। भाजपा नेत्री कल्पना धाकरे जज्बातों के बहाव में आकर उलूल-जलूल बयानबाज़ी कर गई। यहां तक कि उन्होंने अज़ान के साथ-साथ पांच वक्त की नमाज़ पर भी रोक लगाने की बात कह डाली। जिससे कहीं न कहीं भाजपा का चेहरा एक बार फिर दागदार हो सकता है। कल्पना धाकरे की बयानबाज़ी से मुस्लिमों की आस्था को ठेस पहुंच सकती है।

थाना सिकंदरा क्षेत्र बजरंगनगर की रहने वाली कल्पना धाकरे काफी वर्षों से भाजपा से जुड़ी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक वह बजरंग दल में भी रह चुकी हैं। इसके साथ वह कई बार एमएलए के चुनावी दावेदारी भी भर चुकी हैं। फिलहाल वह आगरा से भाजपा में जिला मंत्री है। हाल ही में वह सिकंदरा स्थित विश्व हिंदू परिषद के संकल्प कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंची। उन्होंने विहिप कार्यकर्ताओं को राष्ट्र और हिंदुत्व का पाठ पढ़ाया। इसके साथ उनमें देश के प्रति प्रेम की भावनाओं को भी बढ़ाया। वहीं सोनू के अज़ान पर बेतुके बयान पर कहा कि 'सोनू निगम ने जो कहा, वह सही है। कोई भी धर्म किसी को परेशान करने की आज्ञा नहीं देता। पांच वक्त की अज़ान से लोगों को तकलीफ होती है। तो इस प्रतिबंध लगना चाहिए।'

आगे की स्लाइड में जानिए और क्या-क्या बोली भाजपा नेत्री कल्पना धाकरे

भाजपा जिला मंत्री कल्पना धाकरे ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि 'सोनू निगम का जो अज़ान को लेकर किया गया ट्वीट सही है। क्या उस वक्त जब लाउडस्पीकर नहीं थे, क्या तब भी ऐसे ही अज़ान दी जाती थी। जबकि भारत देश हमारा हिंदुओं का है। जब हमारे मंदिरों में माइक लगते हैं, तो उनका विरोध होता है। वो नौ दिन माइक बजाना बड़ा मुश्किल हो जाता है और ये चौबीसों घंटे जब पांच बार अज़ान करते हैं? तब क्या शोर नहीं होता है? क्या इनके धर्म में ऐसे ही छत पर शोर करते हैं?

अगर अल्लाह को वाकई में इनको बुलाना है, तो ये वैसे ही बुला सकते हैं। दूसरे के लिए व्यवधान पैदा करना, दूसरे को परेशान करना ये गलत बात है। ये जो पांचों टाइम पढ़ते हैं, अज़ान करते हैं, इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। यहां के जो मुसलमान हैं, वह रहते, खाते, पीते इस देश का हैं और सोचते हैं विदेश का। ऐसे मुलमानों को हम अपने देश में स्वीकार नहीं करेंगे।

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