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Mission 2024: कर्नाटक में 5 दिनों का बड़ा अभियान छेड़ेगी भाजपा, हार के बाद सतर्क, 2019 का प्रदर्शन दोहराने की कोशिश

Mission 2024: कर्नाटक दक्षिण भारत में भाजपा का अकेला दुर्ग था मगर कांग्रेस ने इस दुर्ग को भी ध्वस्त करने में कामयाबी हासिल की है। ऐसे में भाजपा लोकसभा चुनावों को लेकर कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 Jun 2023 12:05 PM IST
Mission 2024: कर्नाटक में 5 दिनों का बड़ा अभियान छेड़ेगी भाजपा, हार के बाद सतर्क, 2019 का प्रदर्शन दोहराने की कोशिश
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mission 2024 (फोटो: सोशल मीडिया )

Mission 2024: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों मिली बड़ी हार के बाद भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर सतर्क हो गई है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ ही राज्य इकाई की ओर से भी हार के कारणों का गहराई से मंथन किया जा रहा है। वैसे पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का मनोबल और विश्वास बनाए रखने के लिए बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी कर ली है।

कर्नाटक दक्षिण भारत में भाजपा का अकेला दुर्ग था मगर कांग्रेस ने इस दुर्ग को भी ध्वस्त करने में कामयाबी हासिल की है। ऐसे में भाजपा लोकसभा चुनावों को लेकर कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। 2019 में राज्य की 28 में से 25 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने मिशन 2024 के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के घरों पर सीधे दस्तक देने की रणनीति तैयार की है। पूरे राज्य में 50 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए पार्टी की राज्य शाखा की ओर से 21 जून से पांच दिवसीय बड़ा अभियान छेड़ा जाएगा।

कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ाने की मुहिम

दरअसल भाजपा की ओर से बड़ा अभियान छेड़ने के बावजूद विधानसभा चुनाव में पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। पार्टी नेताओं को भी कर्नाटक से ऐसे बुरे नतीजे की उम्मीद नहीं थी। इन कारण पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हिसाब चुकता करने की कोशिश में जुट गई है।

पार्टी नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कर्नाटक की चुनावी हार से पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास और मनोबल टूट सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं के भीतर विश्वास जगाने के लिए अब बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी है।

पार्टी के सभी नेता लेंगे अभियान में हिस्सा

पार्टी की राज्य इकाई के प्रवक्ता एन रवि कुमार ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं और भाजपा का समर्थन करने वाले मतदाताओं में विश्वास जगाने के लिए पार्टी बड़ा अभियान छेड़ेगी। इस अभियान के तहत पार्टी के सभी पदाधिकारी, पूर्व व मौजूदा विधायक व सांसद लोगों के घरों पर दस्तक देंगे। इसके लिए 21 जून से पांच दिनों तक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। राज्य के 50 लाख घरों में दस्तक देने की तैयारी है।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत के जरिए भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद कार्यकर्ताओं में विश्वास जगाने के साथ उनका मनोबल बनाए रखना है।

फीडबैक के आधार पर बनेगी रणनीति

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस बड़े अभियान में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे और इस दौरान राज्य के गांवों को भी कवर किया जाएगा। राज्य के सभी जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित करने की भी तैयारी है। इन बैठकों में राज्य की पिछली भाजपा सरकार और मौजूदा केंद्र सरकार की ओर से किए गए काम और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

कार्यकर्ताओं से इन जानकारियों को घर-घर पहुंचाने का अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पिछले नौ वर्षों के दौरान आम लोगों की दिक्कतें दूर करने के साथ विकास कार्यों को बढ़ावा देने वाले कई फैसले किए गए हैं। अब हमारी रणनीति इन फैसलों के जरिए लोगों का समर्थन हासिल करना है।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जनता से फीडबैक भी लिया जाएगा और इस फीडबैक के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पास भी यह फीडबैक पहुंचाने की तैयारी है। पार्टी यह जानने की भी कोशिश करेगी कि आखिरकार क्यों विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।

विधानसभा चुनाव में हार से पार्टी सतर्क

कर्नाटक में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सिर्फ 66 सीटों तक सिमट गई थी दूसरी ओर कांग्रेस 135 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। मतदान से पहले भाजपा और कांग्रेस में कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही थी मगर चुनाव नतीजे में कांग्रेस से बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही। सियासी जानकारों का मानना है कि इसे कारण भाजपा मिशन 2024 को लेकर सतर्क हो गई है।

दक्षिण भारत में ढह गया भाजपा का अकेला दुर्ग

कर्नाटक दक्षिण भारत का अकेला ऐसा राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। यदि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो भाजपा कर्नाटक में अपनी ताकत बढ़ाने में कामयाब हुई थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में येदियुरप्पा के भाजपा से अलग होने पर

पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा था और पार्टी को सिर्फ 20 फ़ीसदी वोट हासिल हुए थे मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 43 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे। भाजपा को राज्य की 28 में से 17 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के वोट प्रतिशत में 7 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी मगर फिर भी भाजपा 104 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस को 78 और जद एस को 37 सीटों पर जीत मिली थी मगर 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा है।

2019 का प्रदर्शन दोहराने की कोशिश

कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। भाजपा ने राज्य की 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को बुरी तरह हराया था। भाजपा समर्थित एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस और जद एस को सिर्फ एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई थी।

वोट प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो पार्टी 51 फ़ीसदी वोट पाने में कामयाब रही थी। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी 2019 का प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में जुट गई है।



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Anshuman Tiwari

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