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MP CM Mohan Yadav: एमपी में नया राजनीतिक प्रयोग, और राज्यों में भी दिखेगा कमाल

MP CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश को हमेशा संघ के लिए राजनीतिक प्रयोगों की प्रयोगशाला के रूप में देखा गया है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी दोहराया जाए तो चकित नहीं होना चाहिए।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 12 Dec 2023 11:59 AM IST (Updated on: 12 Dec 2023 12:00 PM IST)
MP CM Mohan Yadav
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MP CM Mohan Yadav  (PHOTO: social media )

MP CM Mohan Yadav: भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 58 वर्षीय ओबीसी नेता और तीसरी बार के विधायक मोहन यादव को चुनकर, न सिर्फ मध्य प्रदेश में बल्कि राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश और बिहार में भी आगामी लोकसभा चुनाव में चुनावी लाभ हासिल करने के लिए एक नई, सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का खुलासा किया है। मध्य प्रदेश को हमेशा संघ के लिए राजनीतिक प्रयोगों की प्रयोगशाला के रूप में देखा गया है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी दोहराया जाए तो चकित नहीं होना चाहिए।

मध्यप्रदेश में लगभग 6 फीसदी यादव आबादी है जो ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखण्ड और मालवा-निमाड़ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में केंद्रित है। वहीं बिहार में 14 फीसदी से अधिक और यूपी में लगभग 9 फीसदी आबादी के साथ यादव सबसे बड़ा ओबीसी समूह हैं।

यादव समुदाय उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लगभग 60 लोकसभा क्षेत्रों में परिणाम बदलने की हैसियत रखते हैं। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 25-30 पर यादवों की अच्छी-खासी आबादी है, जबकि बिहार की 17 लोकसभा सीटों पर यादव बड़ी तादाद में मतदाता हैं।

यूपी और बिहार में यादवों के राजनीतिक सशक्तिकरण

मोहन यादव को चुनकर भाजपा का लक्ष्य यूपी और बिहार में यादवों के राजनीतिक सशक्तिकरण का एक प्रतीकात्मक संदेश भेजना है, जहां अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राजद मजबूत हैं।

ऐसे में कहा जा सकता है कि पूरे कदम का मकसद काफी हद तक यूपी और बिहार में यादवों को यह संदेश देना है कि भगवा पार्टी उनके राजनीतिक सशक्तिकरण के खिलाफ बिल्कुल भी नहीं है।

इसके अलावा भाजपा ने राजेंद्र शुक्ला (पूर्वी यूपी के पड़ोसी विंध्य क्षेत्र से एक शक्तिशाली मंत्री) और जगदीश देवड़ा (मालवा क्षेत्र से अनुसूचित जाति मंत्री) के रूप में एक ब्राह्मण और एक दलित डिप्टी सीएम को भी चुना है। यह पहली बार होगा जब मध्य प्रदेश में दो डिप्टी सीएम होंगे। यह 20 साल बाद है कि एमपी में कोई डिप्टी सीएम होगा, क्योंकि राज्य में आखिरी बार 2003 तक कांग्रेस की आदिवासी नेता जमुना देवी डिप्टी सीएम थीं।


वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बना कर पार्टी विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ठाकुर वोट आधार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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