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Mission 2024: अखिलेश के बाद मायावती को भी झटका देने की तैयारी में भाजपा, पंजाब में टूट सकता है बसपा-अकाली दल का गठबंधन
Mission 2024: भाजपा बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को भी बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटी हुई है।
Mission 2024: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय दलों के जरिए एनडीए को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। बिहार और बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी गठबंधन को करारा झटका लगने वाला है। उत्तर प्रदेश में रालोद के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत अंतिम दौर में पहुंच चुकी है और एक-दो दिनों के भीतर गठबंधन का बड़ा ऐलान किया जा सकता है। भाजपा का यह कदम सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
दूसरी ओर भाजपा बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को भी बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटी हुई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि पंजाब में अकाली दल के साथ भाजपा नेतृत्व की बातचीत चल रही है और वहां भी अकाली दल की एनडीए में वापसी हो सकती है। भाजपा का यह कदम मायावती के लिए बड़ा झटका होगा क्योंकि पंजाब में बसपा ने पिछला विधानसभा चुनाव अकाली दल के साथ गठबंधन में ही लड़ा था।
पंजाब में अकाली दल से भाजपा नेतृत्व की चर्चा
जानकार सूत्रों का कहना है कि रालोद के साथ भाजपा के गठबंधन की बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है। दोनों दलों के बीच गठबंधन की शर्तें लगभग तय हो चुकी हैं और सूत्रों का दावा है कि एक-दो दिनों में सब कुछ फाइनल होने के बाद गठबंधन की घोषणा भी हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में सपा को झटका देने के बाद भाजपा ने पंजाब में बसपा को भी झटका देने की तैयारी कर ली है।
मौजूदा समय में बसपा के एकमात्र सहयोगी दल के रूप में पंजाब में शिरोमणि अकाली दल है मगर अकाली दल अब भाजपा के साथ गठबंधन की राहें तलाश रहा है। सूत्रों का दावा है कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की चर्चा शुरू हो चुकी है और बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अकाली दल और भाजपा का लंबे समय तक गठबंधन रहा है मगर मोदी सरकार की ओर से तीन नए कृषि कानून लाए जाने के बाद अकाली दल ने अपना रास्ता अलग कर लिया था।
टूट सकता है बसपा-अकाली दल का गठबंधन
पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मायावती की पार्टी बसपा ने अकाली दल के साथ गठबंधन किया था। हालांकि इस गठबंधन का दोनों दलों को कोई खास फायदा नहीं मिल सका था। आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की थी।
बसपा और अकाली दल के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान भी गठबंधन जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर भाजपा ने मायावती को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है।
मायावती ने पिछले दिनों लखनऊ में एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों से दूरी बनाते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था मगर पंजाब में बसपा के अकाली दल के साथ गठबंधन की उम्मीद थी जो कि अब खत्म होती दिख रही है।
लंबे समय तक एनडीए में रहा है अकाली दल
अकाली दल भाजपा का पुराना सहयोगी दल रहा है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय से ही अकाली दल भाजपा के साथ रहा है। 1997 से 2020 तक अकाली दल एनडीए में शामिल था मगर बाद में वह अलग हो गया था।
किसानों का आंदोलन खत्म होने के बाद अब अकाली दल की नाराजगी भी खत्म होती दिख रही है। अब एक बार फिर अकाली दल की एनडीए में वापसी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन का जल्द ही बड़ा ऐलान किया जा सकता है।