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Jagat Prakash Nadda: नड्डा को एक और मौका देने की तैयारी, चुनावों के मद्देनजर पार्टी लेगी बड़ा फैसला
Jagat Prakash Nadda: पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
Jagat Prakash Nadda: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को एक और कार्यकाल देने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होने वाला है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव से पहले 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है। इन चुनावों के मद्देनजर भाजपा पहले ही इलेक्शन मोड में आ चुकी है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान चुनावी रणनीति के साथ नड्डा के कार्यकाल पर भी अहम फैसला होना है। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान नड्ढा को एक और कार्यकाल देने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
इस तरह लगी नड्डा की लॉटरी
सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष के मुद्दे पर पार्टी में पिछले साल से ही शीर्ष स्तर पर गहन मंथन का दौर चल रहा है। पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और सीआर पाटिल के नाम भी चर्चा में रहे हैं। गुजरात में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत में पाटिल की प्रमुख भूमिका मानी गई थी। दूसरी ओर नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में पार्टी को कांग्रेस के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
धर्मेंद्र प्रधान के नाम पर पार्टी में शीर्ष स्तर पर गंभीर चर्चा चली थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए जब सरकार संघर्ष कर रही थी तब रमेश पोखरियाल निशंक को हटाकर धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पार्टी की ओर से कई और मौकों पर भी उन्हें अहम जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी हैं।
सूत्रों के मुताबिक धर्मेंद्र प्रधान के मुद्दे पर संघ नेतृत्व से भी चर्चा की गई थी। संघ नेतृत्व का मानना था कि प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष दोनों महत्वपूर्ण पदों पर ओबीसी वर्ग से जुड़े नेता को बिठाना उचित नहीं होगा। जानकारों के मुताबिक संघ नेतृत्व की इस सलाह के बाद नड्डा की लॉटरी लग गई और उन्हें अब एक और कार्यकाल दिया जाना तय माना जा रहा है।
चुनावों के मद्देनजर बदलाव नहीं होगा
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी अभी संगठनात्मक चुनावों में नहीं उलझना चाहती। पार्टी सूत्रों के मुताबिक नड्डा से पहले 2019 में अमित शाह को भी चुनावी तैयारियों के मद्देनजर अध्यक्ष के कार्यकाल में विस्तार दिया गया था। 2019 का चुनाव निपटने के बाद ही नड्डा को पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कमान सौंपी गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि नड्डा को भी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के नजदीक होने के मद्देनजर कार्यकाल में विस्तार दिया जा सकता है।
भाजपा के संविधान में भी इस बात की इजाजत दी गई है कि कोई नेता बिना चुनाव कराए दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अमित शाह को मोदी कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद नड्डा को जुलाई 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी। बाद में जनवरी 2020 में नड्डा को पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया गया था।
निर्विवाद रहा है नड्डा का कार्यकाल
पार्टी अध्यक्ष के रूप में नड्डा भले ही हिमाचल प्रदेश में पार्टी को जीत न दिला सके हों मगर उनका अभी तक का कार्यकाल निर्विवाद रहा है। पार्टी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने यूपी, उत्तराखंड और गोवा आदि कई राज्यों में पार्टी को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की है। यूपी की जीत को तो सियासी हलकों में काफी महत्वपूर्ण माना गया था क्योंकि भाजपा राजनीतिक नजरिए से अहम इस राज्य में दोबारा सत्ता में आने में कामयाब हुई थी।
अब कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन में बड़े फेरबदल के कदम से बचना चाह रही है। हालांकि राज्यों से जुड़े कुछ प्रमुख नेताओं को पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक समाप्त होने के बाद पार्टी की ओर से चुनावों के मद्देनजर बड़ा अभियान भी छेड़ने की तैयारी है। नड्डा समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विभिन्न राज्यों के दौरे का कार्यक्रम पहले ही तय किया जा चुका है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के मुताबिक चुनावी रणनीति अपनाकर पार्टी जीत हासिल करने की कोशिश में जुटेगी।