×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mission 2024: राज्यसभा प्रत्याशियों के जरिए लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश, कई बड़े नेताओं को सियासी जंग में उतारने की PM मोदी की तैयारी

Mission 2024: राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भी बड़ा संकेत दिया है। पार्टी की ओर से कई बड़े नेताओं को राज्यसभा न भेज कर लोकसभा की सियासी जंग में उतारने की तैयारी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 15 Feb 2024 12:10 PM IST
PM Modi
X

PM Modi (photo: social media)

Mission 2024: भाजपा की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित किए गए उम्मीदवारों की सूची से साफ हो गया है कि इसमें लोकसभा चुनाव के लिए भी बड़ा संदेश छिपा हुआ है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और ओडिशा आदि राज्यों में घोषित की गई सूची में कई ऐसे नाम शामिल हैं जिन्हें देखकर हर कोई हैरान रह गया है। पार्टी ने बड़े नेताओं से लेकर सामान्य कार्यकर्ताओं तक को उम्मीदवार बनाने के लिए काफी मंथन किया है।

पार्टी की ओर से कई ऐसे नाम भी राज्यसभा प्रत्याशी के तौर पर घोषित किए गए, जो सूची में अपना नाम देखकर खुद ही हैरान रह गए। राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भी बड़ा संकेत दिया है। पार्टी की ओर से कई बड़े नेताओं को राज्यसभा न भेज कर लोकसभा की सियासी जंग में उतारने की तैयारी है। सात केंद्रीय मंत्रियों समेत 24 सदस्यों को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है। इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में जातीय समीकरण साध कर लोकसभा चुनाव में सियासी लाभ पाने की कोशिश भी की गई है।

कई केंद्रीय मंत्रियों को टिकट नहीं,अब लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

राज्यसभा के जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है,उनमें केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाला (गुजरात), केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (महाराष्ट्र) भी शामिल है मगर इन तीनों प्रमुख नेताओं को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। सियासी हलकों में चर्चा है कि अब भाजपा की ओर से इन तीनों नेताओं को लोकसभा चुनाव की जंग में उतारा जाएगा।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं बनाया है। अब प्रधान को उनके गृह राज्य ओडिशा से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।

दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों भूपेंद्र यादव और राजीव चंद्रशेखर को भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। अब इन दोनों को भी लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारे जाने की चर्चा सुनी जा रही है।

इन बड़े चेहरे को भी जंग में उतारने की तैयारी

धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव दोनों ही राज्यसभा के दो कार्यकाल पूरे कर रहे हैं जबकि चंद्रशेखर का यह तीसरा कार्यकाल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में इस बात पर जोर दिया था कि राज्यसभा सदस्यों को भी एक चुनाव लड़ने का अनुभव हासिल करना चाहिए। भाजपा में एक बात यह भी उभर कर सामने आई है कि केंद्रीय मंत्रियों को राज्यसभा जाने की जगह लोकसभा के जंग में उतरना चाहिए।

उन्हें लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का सीधे समर्थन हासिल करना चाहिए। खासतौर पर ऐसे नेताओं को निश्चित रूप से चुनावी अखाड़े में उतरना चाहिए जो राज्यसभा के दो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि कई प्रमुख चेहरों को इस कारण भी राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं घोषित किया गया है।

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश

राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित प्रत्याशियों की सूची से एक बात यह भी साफ हुई है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि पार्टी के निचले स्तर के नेताओं का भी शीर्ष नेतृत्व की ओर से पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पार्टी की ओर से कुछ ऐसे चेहरों को भी टिकट दिया गया है जिन्होंने अभी तक विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा है और कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जिन्हें विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उत्तर प्रदेश में अमरपाल मौर्य, संगीत बलवंत, साधना सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।

अमरपाल मौर्य रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। गाजीपुर से विधायक रह चुकी संगीता बलवंत को भी पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

मुगलसराय से विधायक रह चुकी साधना सिंह को पिछले चुनाव में टिकट भी नहीं मिला था। इसे लेकर वे भीतर ही भीतर नाराज भी थीं मगर अब पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। टिकट पाने के बाद साधना सिंह का कहना था कि बीजेपी ऐसी अकेली पार्टी है जिसमें छोटे से छोटे कार्यकर्ता का ख्याल रखा जाता है।

टिकट पाकर खुद भी हैरान हुए प्रत्याशी

इसी तरह बिहार में धर्मशीला गुप्ता को खुद अपने टिकट पर यकीन नहीं हुआ। टिकट घोषित किए जाने के बाद उनका कहना था कि जब फोन पर उन्हें यह सूचना दी गई तो उन्हें लगा कि कोई उनके साथ मजाक कर रहा है। राम मंदिर के लिए 11 करोड़ का दान देने वाले सूरत के डायमंड कारोबारी गोविंदराम ढोलकिया को भी पार्टी ने गुजरात से चुनाव मैदान में उतारा है।

इसी तरह मध्य प्रदेश से प्रत्याशी बनाए गए उमेश महाराज का नाम सूची में पढ़कर भी काफी लोग हैरान रह गए। टिकट पाने के बाद उनका कहना था कि यह उनके लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा।

जातीय समीकरण साधने का प्रयास

राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की सूची से एक बात और साफ हो गई है कि पार्टी ने जातीय समीकरण साधने का भी पूरा प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने चार प्रत्याशी पिछड़े वर्ग से मैदान में उतारकर प्रदेश में ओसीबी की प्रमुख जातियों को प्रतिनिधित्व दिया है। वहीं दो महिला उम्मीदवार उतारकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत किए जा रहे अपने वादे को पूरा करने का संदेश दिया है। अपने परंपरागत वोट बैंक ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य का भी पार्टी की ओर से पूरा ध्यान रखा गया है।

जाट कार्ड खेलते हुए पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह को टिकट दिया गया है तो बिंद मतदाताओं को साधने के लिए संगीता बलवंत बिंद को चुनावी अखाड़े में उतारा गया है।

प्रदेश के कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए पूर्वांचल के कुर्मी नेता आरपीएन सिंह को मौका दिया है। वहीं कुशवाहा, शाक्य, सैनी वोट बैंक को साधने के लिए अमरपाल मौर्य को टिकट दिया है। वैश्य समाज से नवीन जैन को मैदान में उतारा गया है।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी साधा समीकरण

मध्य प्रदेश में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नरोलिया को प्रत्याशी बनाया गया है जो ओबीसी समुदाय से आती हैं। उज्जैन के वाल्मीकि आश्रम के प्रमुख उमेश नाथ महाराज को भी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। मंदसौर के बंशीलाल गुर्जर भी ओबीसी समुदाय से जुड़े हुए हैं। भाजपा का ब्राह्मण चेहरा मानी जाने वाली पुणे की मेधा कुलकर्णी को भी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। इसके जरिए महाराष्ट्र के ब्राह्मण समुदाय को साधने की कोशिश की गई है।

लिंगायत समुदाय से जुड़े अजीत गोपचड़े को टिकट देकर भी पार्टी ने इस समुदाय का समीकरण साधने का प्रयास किया है। अजीत गोप चौड़े ने राम मंदिर आंदोलन के समय कार्य सेवा की थी और गुंबद पर चढ़ी हुई उनकी तस्वीर भी खूब वायरल हो रही है। पैसे से डॉक्टर अजीत गोप चौड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं।



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story