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BJP's New Strategy For 2024: 2024 के लिए BJP की नई रणनीति, लागू होगा तीन राज्यों वाला फॉर्मूला, 160 कमजोर सीटों पर पहले ही घोषित होंगे प्रत्याशी

BJP's New Strategy For 2024: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली शानदार जीत से पार्टी में उत्साह का माहौल दिख रहा है और पार्टी ने इन तीन राज्यों में अपनाए गए फार्मूले को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी अपनाने की योजना तैयार की है। लोकसभा चुनाव में भी हारी या कमजोर 160 लोकसभा सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 20 Dec 2023 3:54 PM IST
BJPs new strategy for 2024, three-state formula will be implemented, candidates will already be declared on 160 weak seats
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2024 के लिए BJP की नई रणनीति, लागू होगा तीन राज्यों वाला फॉर्मूला, 160 कमजोर सीटों पर पहले ही घोषित होंगे प्रत्याशी: Photo- Social Media

BJP's New Strategy For 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा ने कमर कसनी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली शानदार जीत से पार्टी में उत्साह का माहौल दिख रहा है और पार्टी ने इन तीन राज्यों में अपनाए गए फार्मूले को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी अपनाने की योजना तैयार की है।

इन तीन राज्यों में कमजोर और हारी हुई सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित करने का भाजपा को लाभ मिला है और अब इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी हारी या कमजोर 160 लोकसभा सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर जनवरी में प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा सकता है। इन सीटों पर भाजपा को मजबूत बनाने के लिए पार्टी ने पहले से ही अभियान छेड़ रखा है। माना जा रहा है कि पार्टी को इसका बड़ा सियासी लाभ मिल सकता है।

Photo- Social Media

तीन राज्यों के चुनाव में पार्टी को फायदा

दरअसल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने एक नया प्रयोग किया था। इन राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पूर्व ही पार्टी की ओर से तमाम सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए गए थे। पार्टी ने कमजोर या हारी हुई सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित करके जीत हासिल करने की रणनीति तैयार की थी।

भाजपा को इसका बड़ा फायदा भी मिला है और पार्टी इस बार के चुनाव में इनमें से कई सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। अब इस प्रयोग को 2024 के लोकसभा चुनाव में भी दोहराने की तैयारी की जा रही है। पार्टी का मानना है कि इस कदम से प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा और पार्टी को रणनीति बनाने में भी मदद मिलेगी।

कमजोर सीटों पर भाजपा नेता पहले से ही सक्रिय

2019 के लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा या पार्टी कमजोर स्थिति में दिखी थी, उनमें से अधिकांश सीटें दक्षिण और पूर्वी राज्यों में हैं। वैसे इन 160 सीटों में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्यों की कुछ सीटें भी शामिल हैं। 2019 में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इन सीटों पर पार्टी की स्थिति मजबूत बनाने के लिए पिछले दो वर्षों से काम चल रहा है। भाजपा नेतृत्व की ओर से कई केंद्रीय मंत्रियों और अन्य बड़े नेताओं को इन लोकसभा क्षेत्रों में भेजा गया था।

40 मंत्रियों की अलग-अलग टीम बनाकर पार्टी की ओर से उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन क्षेत्रों में सरकार के कामकाज का प्रचार प्रसार करने पर भी पार्टी ने पूरा जोर दिया था। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन क्षेत्रों में पहले प्रत्याशी घोषित करके जीत हासिल की जा सकती है।

सांसदों की सक्रियता का भी हिसाब-किताब

भाजपा की ओर से पहले ही नमो एप पर मोदी सरकार के कामकाज, सरकारी योजनाओं का हाल और सांसदों के कामकाज पर फीडबैक मांगा गया है। सांसदों का टिकट फाइनल करने में यह फीडबैक बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से अपने-अपने क्षेत्र के तीन लोकप्रिय चेहरों का नाम बताने को भी कहा गया है।

सांसदों की अपने क्षेत्रों में सक्रियता के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है। इस कारण उन सांसदों का टिकट कटना तय माना जा रहा है जिन्होंने अपने क्षेत्र में सक्रियता नहीं दिखाई है या जिनके क्षेत्र के लोग उनसे नाराज बताए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: Photo- Social Media

शीतकालीन सत्र के बाद बढ़ेगी मोदी की सक्रियता

पार्टी के घोषणा पत्र के लिए भी लोगों से सुझाव मांगे गए हैं और इन सुझावों के आधार पर ही घोषणा पत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी की ओर से इस बार 350 प्लस सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद देश के विभिन्न राज्यों में पीएम मोदी भी खासे सक्रिय दिखेंगे। वे विभिन्न राज्यों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ही जनसभाओं के जरिए भी भाजपा के चुनावी माहौल को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।



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Shashi kant gautam

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