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खुलासा : उत्तराखंड के सीएम बेच रहे थे झारखंड गौ सेवा आयोग अध्यक्ष का पद

झारखंड में गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए किसान मोर्चा झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष ने झारखंड के तत्कालीन भाजपा प्रदेश प्रभारी व उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व उनके साढू व उनके परिजनों के 13 बैंक खातों में 25 लाख रुपए जमा कराए थे।

Rishi
Published on: 27 Jan 2019 10:21 PM IST
खुलासा : उत्तराखंड के सीएम बेच रहे थे झारखंड गौ सेवा आयोग अध्यक्ष का पद
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लखनऊ : झारखंड में गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए किसान मोर्चा झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष ने झारखंड के तत्कालीन भाजपा प्रदेश प्रभारी व उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व उनके साढू व उनके परिजनों के 13 बैंक खातों में 25 लाख रुपए जमा कराए थे। हैरानी वाली बात यह रही कि जिस दौरान यह 25 लाख रुपए जमा कराए गए उसी समय देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की कार्यवाही को अमल में लाते हुए 500, 1000 के पुराने नोट बंद कर दिए थे और एक खाते में दो लाख से ज्यादा की रकम जमा नहीं की जा सकती थी दूसरी तरफ अमृतेश चौहान द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के दिए गए खातों में 25 लाख रुपए वो भी पुरानी करेंसी में जमा कराए।

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एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री काले धन पर लगाम कसने के लिए नोट बंदी कर रहे है वहीं भाजपा के तत्कालीन झारखंड प्रदेश प्रभारी अपने खातों में 25 लाख जैसी मोटी घूस की रकम मंगवा रहे है, यह भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है?

किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृतेश सिंह चौहान की गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए उत्तराखंड सरकार के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मोबाइल नंबर पर बातचीत हुई और उन्हें यह भी बताया कि उन्होंने अब तक 25 लाख रुपए उन्हीं खातों में जमा करा दिए है जिनके खाता नंबर उसे दिए गए थे और जिन खातों में पैसा जमा कराया गया उसकी रसीद भी झारखंड के तत्कालीन भाजपा प्रदेश प्रभारी त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नंबर पर व्हाटसएप के माध्यम से भेजी थी। इसी बीच उत्तराखंड में भाजपा की सरकार आने के बाद त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया गया।

अमृतेश चौहान को जब गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो उसने त्रिवेन्द्र सिंह रावत से संपर्क साधा लेकिन जब उसे कोई जवाब नही मिला तो अमृतेश ने कुछ पत्रकारो से संपर्क साधा और बताया कि उसने मुख्यमंत्री को 25 लाख दिए लेकिन उन्होंने न तो उसे गौ सेवा का अध्यक्ष बनाया और न ही अब वह उसके पैसे लौटा रहे है।

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अमृतेश ने मुख्यमंत्री से व्हाटसएप पर हुई बातचीत व उसके द्वारा उनके बताए खातों में जो पैसे जमा कराए थे उसकी रसीदें भी उपलब्ध कराई जिन लोगों से अमृतेश ने संपर्क साधा था। इतना ही नहीं एक पत्रकार से तो उसने फोन पर अपनी व त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बारे में सारी जानकारी दी थी कि कैसे उससे पैसे लिए गए और अब जबकि उसका काम नहीं हुआ तो वह उसके पैसे नहीं लौटा रहे है। इसी बीच इस बात की गूंज जब सरकार के कुछ करीबियों के कानों में पड़ी तो अमृतेश चौहान को दिल्ली में बुलाकर पैसा दिया गया और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कहने पर अमृतेश चौहान ने रांची में समाचार प्लस के सीईओ उमेश कुमार के खिलाफ फर्जी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया।

उसके बाद से अमृतेश चौहान लगातार सीएम आवास में दस्तक दे रहा है और वहां की फोटो भी वह अपने फेसबुक पर अपलोड कर रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि अमृतेश चौहान उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री का टूल बनकर आगे आया और उसने एक साजिश के तहत उमेश कुमार पर फर्जी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया।

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तस्वीरों में देखिए कब कैसे हुआ पैसों का लेनदेन

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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