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BMC में मेयर को लेकर रस्साकशी जारी, BJP जल्द खोल सकती है अपने पत्ते

शिव सेना भले ही भाजपा पर हमले जारी रखे हुए है लेकिन भाजपा को संघ की ओर से सलाह दी गई है कि त्रिशंकु बीएमसी में शिव सेना को कांग्रेस, एनसीपी व कुछ निर्दलियों का समर्थन मिलने की बातें सामने आ रही हैं, ऐसी सूरत में भाजपा पीछे हट जाए।

zafar
Published on: 28 Feb 2017 10:25 PM IST
BMC में मेयर को लेकर रस्साकशी जारी, BJP जल्द खोल सकती है अपने पत्ते
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उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: मुंबई के मेयर पद के लिए टकराव को लेकर भाजपा दो दिन में अपने पत्ते खोल सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच यहां करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात का पूरा एजेंडा ही बीएमसी और प्रदेश के बाकी शहरी निकायों के चुनावों में भाजपा की उपलब्धि के साथ ही शिव सेना के साथ बढ़ रही तनातनी पर केंद्रित रहा।

टकराव टालने का प्रयास

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बातचीत की पुष्टि की है, लेकिन कोई ब्यौरा देने से इनकार किया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री फडणवीस पीएम से मिली सलाह के बाद मुमकिन है कि एक दो दिन में बीएमसी मेयर पद पर समर्थन की पेशकश कर दें।

शिव सेना भले ही भाजपा पर हमले जारी रखे हुए है लेकिन भाजपा को संघ की ओर से सलाह दी गई है कि त्रिशंकु बीएमसी में शिव सेना को कांग्रेस, एनसीपी व कुछ निर्दलियों का समर्थन मिलने की बातें सामने आ रही हैं, ऐसी सूरत में भाजपा के हक में यही उचित होगा कि शिव सेना की ओर से मेयर पद की दावेदारी में रोड़ा अटकाने से पीछे हट जाए।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि राज्य में भाजपा व शिव सेना के साथ टकराव कम नहीं होने वाला है। लेकिन अगर भाजपा ने अपनी ओर से कड़वाहट खत्म करने की पहल नहीं की तो इससे एनसीपी कांग्रेस व निर्दलीय शिव सेना के साथ गोलबंद होते चले जाएंगे।

कांग्रेस के प्रयास

कांग्रेस भले ही भाजपा को पटखनी देने के लिए शिव सेना के साथ रणनीतिक गठजोड़ बनाए हुए है लेकिन कांग्रेस खुले तौर पर शिव सेना के साथ सीधे गठबंधन या उसे खुले समर्थन पर पूरी तरह कन्नी काट रही है। क्या बड़े दुश्मन भाजपा को मात देने के लिए बीएमसी व बाकी शहरों में छोटे दुश्मन शिव सेना को परोक्ष समर्थन देने को कांग्रेस तैयार होगी?

इस पर कांग्रेस महासचिव व महाराष्ट्र प्रभारी मोहन प्रकाश का कहना है कि भाजपा व शिव सेना मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं। वे बीएमसी में भी मिलकर चलें या न चलें कांग्रेस का इससे कोई लेना देना नहीं है। उनका साफ कहना है कि बीएमसी में कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, इसलिए हम विपक्ष में ही बैठेंगे।

हालांकि कांग्रेस को बीएमसी में भले ही मात्र 31 सीटें ही मिली हैं, लेकिन वह त्रिशंकु हाउस के समीकरणों का लाभ उठाने के लिए 9 सीटों पर जीती एनसीपी व सपा व समान विचार वाली पार्टियों के पार्षदों को साथ लेकर एक सेकुलर फ्रंट बनाने की तैयारियों में जुटी है।

(फोटो साभार:इंडियनएक्सप्रेस)

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