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BPSC Exam: अभ्यर्थी को डीएम ने जड़ा थप्पड़, प्रश्न पत्र देरी से मिलने के बाद हुआ था हंगामा, वीडियो हुआ वायरल
BPSC Exam: पटना में BPSC परीक्षा के दौरान हंगामा, छात्रों ने लगाए आरोप, डीएम ने छात्र को मारा थप्पड़
BPSC Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा के दौरान बड़ा हंगामा हुआ, जब छात्रों ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बापू परीक्षा भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप था कि कई परीक्षा कक्षों में उन्हें समय पर प्रश्न पत्र नहीं दिए गए, और जिन छात्रों को पेपर मिला, उन्हें बहुत देर से मिला। इसके विरोध में अभ्यर्थियों ने पेपर और ओएमआर शीट लेकर परीक्षा केंद्र से बाहर निकलकर उन्हें फाड़ दिया। मामला बढ़ते देख पटना के जिलाधिकारी (डीएम) मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाने की कोशिश की। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें डीएम एक छात्र को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
संबंधित छात्रों का कहना है कि जिनको प्रश्नपत्र समय से नहीं मिले, उन्हें अतिरिक्त समय देने का वादा किया गया था, लेकिन इसके बावजूद वे परीक्षा नहीं दे पाए। परीक्षा केंद्र के बाहर कई ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र बिखरे हुए थे, जो छात्रों के गुस्से का इशारा कर रहे थे। यह घटना बीपीएससी परीक्षा के इतिहास में शायद पहली बार हुई है, जब ऐसी व्यापक गड़बड़ियों की सूचना सामने आई है। छात्रों के विरोध के बाद प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान हुई घटना ने पूरे मामले को और तूल दे दिया।
डीएम ने दी सफाई
BPSC की परीक्षा के दौरान छात्रों के बवाल के बाद पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पूरी स्थिति पर स्पष्टता दी है। दरअसल, कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र पर करीब 12,000 परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। डीएम ने बताया कि एक परीक्षा कक्ष में 273 सीटों का प्रबंध था, लेकिन कुछ समस्या तब आई जब एक परीक्षा कक्ष के लिए 12-12 के सेट में कुल 288 एनवेलप्स भेजे गए थे।
जब एक कक्ष में परीक्षा का प्रश्न पत्र पहुंचा, तो वहां 192 एनवेलप्स थे, जबकि बाकी प्रश्नपत्र दूसरे कक्षों से लाने पड़े। यह प्रक्रिया जब जारी थी, तो छात्रों ने इसका विरोध किया और आपत्ति जताई। छात्रों का कहना था कि प्रश्न पत्र के लाने का यह तरीका गड़बड़ी का कारण बन सकता है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने स्थिति को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह व्यवस्था अस्थायी थी, और इसे जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा। हालांकि, छात्रों के इस विरोध के बीच परीक्षा के सुचारू संचालन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।