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महिलाओं में स्तन कैंसर को खत्म कर सकती है मात्र एक गोली

seema
Published on: 10 Aug 2018 9:09 AM GMT
महिलाओं में स्तन कैंसर को खत्म कर सकती है मात्र एक गोली
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महिलाओं में स्तन कैंसर को खत्म कर सकती है मात्र एक गोली

नयी दिल्ली : भारत में स्तन कैंसर के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच एक नए अध्ययन ने स्तन कैंसर से पीडि़त महिलाओं के बीच नई उम्मीद जगाई है। स्तन कैंसर से पीडि़त महिलाओं को देश में अब तक कीमोथेरेपी देने की सिफारिश की जाती थी लेकिन हाल ही में इजाद की गई हार्मोनल थेरेपी में दी जाने वाली एक गोली 'कैमॉक्सगन' स्तन कैंसर को जड़ से खत्म कर सकती है।

दिल्ली में सर्जिकल ऑन्कोलोजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश सरीन के अनुसार, देश में धीरे-धीरे बढऩे वाले स्तन कैंसर के 70 फीसदी मामले में से 35 फीसदी शुरुआती चरण में आते हैं, जबकि विदेशों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत है। इन 35 फीसदी महिलाओं के लिए एक नया परीक्षण शुरू किया गया है, अगर वे यह टेस्ट कराएं तो उन्हें कीमोथेरेपी की कतई जरूरत नहीं पड़ेगी। इस नए टेस्ट को हार्मोनल थेरेपी कहते हैं जिसमें पॉजिटिव पाए जाने पर 'कैमॉक्सगनÓ नाम की एक गोली दी जाती है, जिससे 90 से 95 फीसदी लोग बिल्कुल ठीक हो जाते हैं लेकिन यह टेस्ट करने के बाद पता लगता है कि यह टयूमर हार्मोन के संपर्क में आएगा या नहीं।

हार्मोनल थेरेपी का खर्चा मात्र 1100 रुपये प्रति महीना है जबकि कीमोथेरेपी पर हर दूसरे सप्ताह कम से कम 20 से 30 हजार रुपये का खर्चा आता है यानी की पांच से छह लाख की दवाई छह महीनों में लेनी होती है। यह गोली लेने तो लंबे समय के लिए होती है लेकिन एक साल में इसका फायदा दिखाई देने लगता है। हालांकि टेस्ट थोड़ा महंगा होता है इसकी कीमत ढाई लाख रुपये है।

यह टेस्ट सिर्फ अमेरिका में एक ही जगह होता है। अभी भारत समेत यूरोप के कई देशों में यह इलाज उपल्बध नहीं है। लेकिन यहां से कैंसर के टिशू वहां भिजवा सकते हैं, जो कि खराब नहीं होता और आसानी से वहां पहुंच जाता है और दो सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आ जाती है। रिपोर्ट के सही आने पर कीमोथेरेपी से छुटकारा मिल सकता है।

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देश में स्तन कैंसर के मामलों में 0.46 से 2.56 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। दुनिया भर में डायग्नोस किए गए स्तन कैंसर रोगियों में से अधिकांश में हार्मोन-पॉजिटिव, एचईआर 2-निगेटिव, नोड-निगेटिव कैंसर पाया गया है। ट्रायल एसाइनिंग इंडिविजुअलाइज्ड ऑप्शंस फॉर ट्रीटमेंट (टेलरेक्स) के एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग हार्मोन रिसेक्टम पॉजिटिव होते हैं अगर वह शुरुआती चरण में आए तो उन्हें कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं है।

कीमोथेरेपी महंगी होने के साथ साथ इसके बुरे प्रभाव होते हैं, सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव होता है महिलाओं के बाल झडऩा, साथ ही उनके स्तन भी निकालने पड़ सकते हैं। एक बार कीमोथेरेपी लेने वाली महिला यही गुजारिश करती है इससे अच्छा उनकी जान ले ले। कीमोथेरेपी कराने वाली महिलाओं का मुंह का टेस्ट बदल जाता है, खाना नहीं खातीं, उलटी होती है इसके साथ ही इसके बहुत सारे बुरे प्रभाव होते हैं, इसलिए आप इस एक गोली से इन सब बुरे प्रभाव से बच सकते हैं।

शुरुआती चरण से तात्पर्य है कि जब महिलाओं के स्तन में गांठ हो, या स्तन से रिसाव हो तो आपको चिकित्सकों को दिखाना चाहिए। अगर आप जल्दी आते हैं जैसे स्टेज 1, स्टेज 2 (ए) में और आपका हर्मोन पाॉजिटीव है तो आपके लिए हार्मोनल टैबलेट फायदेमंद है, इससे आपके कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं होगी। इससे बचने का कारण पता लगने के तुरंत बाद चिकित्सकों से संपर्क करें। स्तन कैंसर को कम करने का कोई रास्ता नहीं है लेकिन इससे डरने की भी जरूरत नहीं है।

स्तन कैंसर हमारी आधुनिक जीवनशैली से बढ़ रहा है इसके पीछे है हमारी बदलती दिनचर्या जैसे कि व्यायाम नहीं करना, गलत खानपान, देर से विवाह, स्तनपान नहीं कराना, कम से कम बच्चे आदि। यह बीमारी आगे जाकर और बढ़ेगी क्योंकि इन कारणों का निदान बहुत मुश्किल है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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