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खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन के बाद भारत की जैसे को तैसा की नीति ! दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग की सुरक्षा घटाई
UK High Commission in Delhi: लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन के बाद दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्जेंडर एलिस के घर के बाहर लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया गया है।
UK High Commission in Delhi: भारत इन दिनों कूटनीतिक तरीके से जवाब देने में महारत हासिल कर चुका है। जो जिस भाषा में समझे उसे वैसे ही समझाना भारत सरकार को पता है। ताजा मामला नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग (British High Commission) और ब्रिटिश उच्चायुक्त (British High Commissioner) के आवास की सुरक्षा घटा दी है। इन दोनों प्रमुख स्थलों के बाहर गेट पर बैरिकेड लगे होते हैं, जिसे बुधवार (22 मार्च) को हटा दिया गया। इन बैरिकेड्स को सुरक्षा व्यवस्था का पहला घेरा माना जाता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि, ब्रिटेन सहित किसी अन्य देश के दूतावास की सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई है। लेकिन, इस सांकेतिक कदम को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है।
पुलिस बंकर और वैन को भी हटाया गया
ख़बरों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से ब्रिटिश उच्चायुक्त के आवास के सामने लगे बैरिकेड्स को हटाया गया है, जबकि ब्रिटिश उच्चायोग के सामने लगे बैरिकेड्स और पुलिस बंकर को हटा दिया गया है। यहां सड़क पर तैनात पुलिस गाड़ियों को भी हटा दिया गया है।
क्या कहा ब्रिटिश उच्चायोग ने?
ब्रिटिश उच्चायोग ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। ब्रिटिश हाई कमीशन के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम सुरक्षा मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं।' हालांकि, सुरक्षा घटाए जाने को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही है। देश में एक वर्ग इससे काफी खुश है, वह सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहा है।
भारत ने ब्रिटिश राजनयिक को किया था तलब
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ के बाद रविवार रात नई दिल्ली में ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया गया। ब्रिटिश राजनयिक (British Diplomat) से लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन के बाहर सुरक्षा व्यवस्था की गैर मौजूदगी को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसी वजह से अराजक तत्व भारतीय उच्चायोग के परिसर में प्रवेश करने में सफल रहे थे। राजनयिक को इस संबंध में वियना कन्वेंशन (Vienna Convention) के तहत यूके सरकार के बुनियादी दायित्वों की याद दिलाई गई। विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में ये भी कहा गया, कि 'ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए वहां के सरकार की उदासीनता को भारत अस्वीकार्य मानता है।'