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Broadcasting Bill Withdrawn: ब्रॉडकास्टिंग बिल का नया ड्राफ्ट वापस, अब नए सिरे से सुझाव मांगे गए
Broadcasting Bill Withdrawn: नए ड्राफ्ट विधेयक की तीखी आलोचना हुई क्योंकि इसने ओटीटी सामग्री और डिजिटल समाचार से अपने दायरे का विस्तार करके सोशल मीडिया अकाउंट और ऑनलाइन वीडियो क्रिएटर को भी शामिल कर लिया है।
Broadcasting Bill Withdrawn: तीव्र आलोचना का सामना करने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण विधेयक का एक नया मसौदा वापस ले लिया है। इस मसौदे ने इस आशंका पर विवाद और आलोचना को जन्म दिया था कि सरकार यूट्यूब, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर स्वतंत्र कंटेंट क्रिएटर्स को रेगुलेट करके ऑनलाइन कंटेंट पर अधिक कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी। सरकार के अतिक्रमण के डर से सार्वजनिक रूप से स्वतंत्र कंटेंट क्रिएटर और निजी तौर पर बड़ी टेक कंपनियों ने इसका विरोध किया था।
क्या क्या हुआ
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईबी मंत्रालय ने जुलाई में नए ड्राफ्ट की प्रतियां कुछ हितधारकों को दीं थी। 12 अगस्त को इन हितधारकों को सरकार से कॉल आए जिसमें उन्हें प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2024 के ड्राफ्ट की प्रतियां वापस करने के लिए कहा गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सूचना प्रसारण मंत्रालय की ब्यूरोक्रेसी के भीतर इस बात पर एक बड़ा मतभेद सामने आया है कि क्या विधेयक को गैर-समाचार ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स पर लागू किया जाना चाहिए। ड्राफ्ट विधेयक के अनुसार, ऐसे निर्माता ओटीटी प्रसारकों की श्रेणी में आते। सूत्रों ने कहा कि यही एक कारण है कि सरकार विधेयक की रूपरेखा पर फिर से काम करना चाहती है।
एक्स पर दी जानकारी
12 अगस्त की रात को एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में सार्वजनिक डोमेन में रखे गए पहले के ड्राफ्ट विधेयक का हवाला दिया और कहा कि यह "हितधारकों के साथ परामर्श की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है" और उन्हें अपनी टिप्पणियाँ देने के लिए 15 अक्टूबर तक "अतिरिक्त समय" दे रहा है। इसने कहा कि "विस्तृत परामर्श के बाद एक नया मसौदा प्रकाशित किया जाएगा।" हालांकि, मंत्रालय के बयान में 2024 के मसौदे का कोई उल्लेख नहीं किया गया - जिससे हितधारकों के बीच और अधिक सवाल उठ रहे हैं। सरकार के बयान से पता चलता है कि वह निजी तौर पर प्रसारित ड्राफ्ट की अनदेखी कर रही है और इसके बजाय लोगों से 2023 में जारी होने वाले ड्राफ्ट पर टिप्पणियां भेजने के लिए कह रही है।
सन 95 का एक्ट बदलने की तैयारी
यह विधेयक, जो 1995 के केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम को बदलने के लिए है, जो टेलीविजन प्रसारण से संबंधित है। पिछले साल नवंबर में मंत्रालय ने एक मसौदा विधेयक पर टिप्पणियाँ आमंत्रित की थीं, जिसने प्रसारण क्षेत्र के लिए कानूनी ढांचे को ओटीटी सामग्री और डिजिटल समाचार और समसामयिक मामलों तक भी बढ़ाया। हालाँकि, पिछले महीने कुछ हितधारकों के साथ निजी तौर पर साझा किए गए नए मसौदा विधेयक ने 2023 के मसौदा विधेयक के फोकस को काफी हद तक बदल दिया गया।
नए ड्राफ्ट विधेयक में क्या है
नए ड्राफ्ट विधेयक की तीखी आलोचना हुई क्योंकि इसने ओटीटी सामग्री और डिजिटल समाचार से अपने दायरे का विस्तार करके सोशल मीडिया अकाउंट और ऑनलाइन वीडियो क्रिएटर को भी शामिल कर लिया है। स्वतंत्र कंटेंट क्रिएटर को शामिल करने के लिए व्यापक शब्दों में "डिजिटल न्यूज़ ब्रॉडकास्टर" को परिभाषित करने और सरकार के साथ इनके पंजीकरण का प्रस्ताव रखा गया।नवीनतम मसौदे में "डिजिटल समाचार प्रसारकों" को परिभाषित करने को कहा गया था। जिसमें "समाचार और समसामयिक मामलों की सामग्री का प्रकाशक" शामिल है, जिसका अर्थ है कोई भी व्यक्ति जो किसी व्यवस्थित व्यवसाय, पेशेवर या वाणिज्यिक गतिविधि के हिस्से के रूप में ऑनलाइन पेपर, समाचार पोर्टल, वेबसाइट, सोशल मीडिया मध्यस्थ या अन्य समान माध्यम के माध्यम से समाचार और समसामयिक मामलों के कार्यक्रम प्रसारित करता है। इस परिभाषा में यूट्यूब, इंस्टाग्राम और यहां तक कि एक्स के यूजर भी ब्रॉडकास्टर की जद में शामिल हो सकते हैं, जो सशुल्क सदस्यता के जरिये विज्ञापन राजस्व उत्पन्न करते हैं या संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से अपने सोशल मीडिया खातों का मोनेटाइजेशन करते हैं।
- ड्राफ्ट बिल ने सरकार को ओटीटी प्रसारकों के लिए ग्राहकों या दर्शकों की संख्या के लिए एक सीमा निर्धारित करने की बात कही थी। जिन्हें इसके बाद अपने अस्तित्व और संचालन के बारे में सरकार को सूचित करना होगा और साथ ही एक कार्यक्रम कोड और एक विज्ञापन कोड का भी पालन करना होगा।
- इन ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स को एक कंटेंट इवैल्यूएशन कमेटी (सीईसी) बनानी होगी और अलग-अलग सामाजिक समूहों, महिलाओं, बाल कल्याण, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों के बारे में जानकारी रखने वाले व्यक्तियों को शामिल करके कमेटी को विविधतापूर्ण बनाने का प्रयास करना होगा। सीईसी में शामिल लोगों के नाम सरकार के साथ साझा करने होंगे।
- क्रिएटर्स को केवल उन्हीं कार्यक्रमों को चलाने की अनुमति होगी जो सीईसी द्वारा प्रमाणित हों। हालाँकि, ऐसे कार्यक्रमों के लिए ऐसे प्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी जो पहले से ही भारत में किसी वैधानिक निकाय द्वारा सार्वजनिक देखने के लिए प्रमाणित हैं, शैक्षिक कार्यक्रम, समाचार और समसामयिक कार्यक्रम, लाइव इवेंट, बच्चों के लिए एनीमेशन और अन्य कार्यक्रम जिन्हें सरकार नामित कर सकती है।