TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Budget 2018: 50 करोड़ लोगों को मिलेगा 5 लाख का हेल्थ बीमा

aman
By aman
Published on: 1 Feb 2018 4:44 PM IST
Budget 2018: 50 करोड़ लोगों को मिलेगा 5 लाख का हेल्थ बीमा
X
Budget 2018: 50 करोड़ लोगों को मिलेगा 5 लाख का हेल्थ बीमा

नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार के बजट में लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बड़ा तोहफा दिया है। जेटली ने आर्थिक रूप से कमजोर 10 करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करने का ऐलान किया है।

मोदी सरकार के इस फैसले से देश के दस करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा का कवच मिल जाएगा। इसे आयुष्मान योजना नाम दिया गया है। इसे मोदी सरकार का बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है। माना जा रहा है कि 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाना देश के स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया इतिहास लिख सकता है। जानकारों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह दांव बहुत अहम हो सकता है।

40 फीसदी आबादी कवर होगी

सरकार 1,200 करोड़ रुपये खर्च कर एक नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम शुरू करने जा रही है। इसमें दस करोड़ लोगों को जोड़ा जाएगा। देश के पचास करोड़ लोगों के इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक की कैशलेस सुविधा को ऐलान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह कुल आबादी का करीब 40 फीसदी है। अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब परिवारों को तीस हजार तक का बीमा कवर मिलता है। इसमें परिवार के पांच सदस्यों को कवर किया जाता है मगर यह राशि काफी कम होने के कारण लोगों को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिल पाता। इलाज की राशि कम होने के कारण ही अधिकांश गरीब लोग सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराने को मजबूर हैं।

1.5 लाख हेल्थ सेंटरों में मुफ्त सुविधा

अब माना जा रहा है कि राशि बढक़र पांच लाख किए जाने से लोगों को निजी अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिल सकेगी। सरकार आयुष्मान भारत प्रोग्राम की शुरुआत करेगी जिसके तहत देश में 1.50 लाख हेल्थ सेंटर बनाकर दवा व जांच की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। कुल मिलाकर देश की 40 फीसदी यानी 50 करोड़ की आबादी के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल में स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गयी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के 67 फीसदी लोगों को अपनी जेब से अपना इलाज कराना पड़ता है। केन्द्र व राज्य सरकारों का खर्च सिर्फ 29 फीसदी होता है। रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा का योगदान करीब चार फीसदी है। 2014-15 में हुए स्वास्थ्य के व्यय के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गयी थी।

गेम चेंजर साबित हो सकती है योजना

जेटली ने वर्ष 2016-17 के बजट में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत एक लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर देने का ऐलान किया था, लेकिन पिछले दो सालों में इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया था। अब नई घोषणा से जाहिर है कि सरकार इसे सुधारों के साथ लागू करना चाहती थी। चुनावी वर्ष में यदि सरकार इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करती है तो माना जा रहा है कि यह योजना सरकार के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। देश की बड़ी आबादी की कमाई का एक बड़ा हिस्सा इलाज पर खर्च हो जाता है। पूर्व में कई अध्ययन यह भी बताते हैं कि स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च के लिए लोग अपनी जमीन-जायदाद आदि बेचने को विवश होते हैं। इससे लोगों का जीवन काफी हद तक प्रभावित हो रहा है।

निवेश बढ़ने की उम्मीद

मोदी सरकार की इस नई योजना से स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार और निजी क्षेत्र में निवेश बढऩे की उम्मीद है। निजी स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और उनके इस्तेमालकर्ताओं की संख्या बढऩे से दरों में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। यह भी तय है कि यदि सरकार इस योजना को बीमा के जरिये लागू करती है तो सरकार हर उपचार के लिए अपनी दरें तय करेंगी जिस पर निजी अस्पतालों को भी उपचार सुविधा देनी होगी।

ओबामा की तर्ज पर मोदी केयर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी नीतियों और फैसलों को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्टï्रपति बराक ओबामा से काफी प्रभावित रहे हैं। जानकारों का कहना है कि बजट में 50 करोड़ लोगों के लिए 5 लाख तक की कैशलेस सुविधा का ऐलान भी कहीं न कहीं ओबामा केयर की तर्ज पर देशवासियों को लाभ पहुंचाने का फैसला लगता है।

उल्लेखनीय है कि ओबामा की पहल पर अमेरिका की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव किए गए थे। ओबामा के इस कदम को अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव माना गया था। इसका अहम पहलू यह था कि स्वास्थ्य सेवाओं पर किए जाने वाले खर्च में कमी आए, कानूनी अधिकार के तहत स्वास्थ्य बीमा का दायरा बढ़े और लोगों को कम कीमत पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सके। ओबामा ने मार्च 2013 में पेशेंट प्रोटेक्शन एंड अर्फोडेबल केयर एक्ट यानी पीपीएसीए पर हस्ताक्षर किए थे। यह एक्ट अर्फोडेबल केयर एक्ट के नाम से भी जाना जाता है। अमेरिका में ओबामा के समर्थकों ने इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय पहल माना था जबकि उनके आलोचकों का कहना था कि ओबामा केयर से हेल्थ कंपनियों के साथ-साथ दूसरे सरकारी और निजी कंपनियां दोनों के लिए अमेरिका में व्यापार करने की लागत में बढ़ोतरी होगी।

प्रमुख बातें:

-हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपए मेडिकल खर्च मिलेगा।

-टीबी मरीजों को हर माह 500 रुपए की मदद देने की घोषणा।

-हेल्थ वेलनेस केंद्र बनाने के लिए 1200 करोड़ का फंड।

-देशभर में 24 नए मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा।

-10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए होगी हेल्थ बीमा स्कीम।

-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम लॉन्च।

-50 करोड़ लोगों को मिलेगा हेल्थ बीमा का लाभ।

-देश की 40 फीसदी आबादी को हेल्थ बीमा की सुविधा देने की योजना।

-आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ पॉलिसी के तहत देश में डेढ़ लाख सेंटर।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story