×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Budget 2018: रियल एस्टेट को जेटली की पोटली से नए तोहफों की उम्मीद

aman
By aman
Published on: 1 Feb 2018 9:32 AM IST
Budget 2018: रियल एस्टेट को जेटली की पोटली से नए तोहफों की उम्मीद
X

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज (01 फरवरी) को आम बजट पेश करेंगे और बाकी क्षेत्रों की तरह देश के रियल एस्टेट की भी वित्त मंत्री के बजट के पिटारे से नई घोषणाओं की उम्मीद है। नोटबंदी के प्रभावों और रियल एस्टेट कानून 2016 के प्रावधान को लागू किए जाने से रियल एस्टेट सेक्टर अभी तक पूरी तरह उबरा नहीं है। ऐसे में कारोबार का यह क्षेत्र नए बजट से नई उम्मीदें लगाए बैठा है।

देश के निजी रियल एस्टेट डेवलपर्स के शीर्ष निकाय कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवेलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई, पश्चिमी यूपी) के उपाध्यक्ष अमित मोदी का मानना है कि 2017 की आखिरी तिमाही रियल एस्टेट के लिए उत्साहजनक रही है और 2018 में इस क्षेत्र में मांग बढ़ने की उम्मीद है। उन्हें उम्मीद है कि बजट-2018 इस क्षेत्र के लिए अधिक सहूलियत, निवेश और कराधान प्रणाली में सुधार जैसी कुछ बड़ी घोषणाएं लेकर आएगा।

सिंगल-विंडो क्लियरेंस की मांग

अमित ने बताया, 'रियल एस्टेट डेवलपर्स लंबे समय से आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में सिंगल विंडो क्लियरेंस के अभाव में डेवलपर्स को कई प्रकार के अनुमोदन और मंजूरियां लेनी होती हैं, उन्हें कई नौकशाहों के विभागों में चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे परियोजना को शुरू होने में 18 से 36 महीने का समय लग जाता है। सरकार को अनुमोदन को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस प्रणाली लागू करनी चाहिए, ताकि आसान अनुमोदन प्रक्रिया से परियोजनाओं की डिलीवरी समय पर दी जा सके। इस क्षेत्र में निर्माण कार्य की गति और लागत भी महत्वपूर्ण है जो एक घर की उचित कीमत तथा परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता को सुनिश्चित करते हैं।'

नोटबंदी के सालभर बाद रियल एस्टेट किफायती आवास श्रेणी के दायरे को बढ़ाए जाने और इस क्षेत्र पर एक अप्रैल से लागू हो रही वस्तु एवं सेवा कर की मौजूदा दर को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसद किए जाने की उम्मीद कर रहा है।

रियल एस्टेट डेवलपर्स की मांग 12% हो जीएसटी की दर

अमित कहते हैं, 'रियल एस्टेट डेवलपर्स जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही घर की कीमत में भूमि की कीमत की छूट को 33 फीसदी से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग है। देशभर के रियल एस्टेट डेवलपर्स आईटी अधिनियम 1961 की धारा 80 आईए के तहत 'इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी' की परिभाषा में भी बदलाव की मांग कर रहे हैं।'

निर्माणाधीन संपत्ति पर जीएसटी दर कम हो

भारतीय कामगारों की शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण और विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्षो से काम कर रहे द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन (आईआईएफ) के निदेशक ए.के. आनंद ने कहा, 'हम रियल एस्टेट डेवलपर्स आवास क्षेत्र यानी हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही हम चाहते हैं कि निर्माणाधीन संपत्ति पर भी जीएसटी दर कम हो।'

हर किसी का अपना आशियाना हो

दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के रियल एस्टेट कंपनी एबीए कॉर्प के निदेशक अमित बजट से उम्मीदों के सवाल पर कहते हैं, 'हम चाहते हैं कि हर किसी का अपना आशियाना हो और इस सपने के लिए होम लोन बड़ा मददगार साबित होता है। सरकार को पहली बार घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए पांच लाख रुपये तक के होम लोन पर कर कटौती की सीमा बढ़ानी चाहिए। वर्तमान में यह सीमा दो लाख रुपये सालाना है। इसी तरह की छूट 1 लाख रुपये ऋण के पुनर्भुगतान पर भी मिलनी चाहिए।'

रियल एस्टेट को मिले उद्योग का दर्जा

उन्होंने आगे कहा, 'इसके अलावा रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए। इस क्षेत्र से जुड़े लोग लंबे समय से रियल रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसा होने से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से आर्थिक मदद मिलने में आसानी होगी। उद्योग का दर्जा मिलने से कम लागत पर ऋण मिलेगा, जिसका फायदा उपभोक्ता को होगा।'

आईएएनएस



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story