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Budget 2023: 1 फरवरी 2023 को संसद में पेश होगा देश का बजट, जानें इससे जुड़ी अहम बातें
Budget 2023:बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है जब ग्लोबल इकोनॉमी की तस्वीर अच्छी नहीं है। पश्चिमी देशों और चीन में ग्रोथ सुस्त पड़ रही है।
Budget 2023: कोरोना महामारी के बाद से कई देशों की अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड महंगाई और आर्थिक तंगी से जूझ रही है। भारत की अर्थव्यवस्था भी इन समस्याओं से अछूती नहीं है। बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई से देश का एक बड़ा वर्ग त्रस्त है। कोरोना के दंश से वैश्विक अर्थव्यवस्था उबर ही रही थी कि पहले रूस-यूक्रेन जंग और अब महामारी के नए खतरे ने संकट को गहरा दिया है। इन विषम आर्थिक परिस्थितियों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को संसद में आम बजट पेश करेंगी।
ये बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है जब ग्लोबल इकोनॉमी की तस्वीर अच्छी नहीं है। पश्चिमी देशों और चीन में ग्रोथ सुस्त पड़ रही है। 2022 की तरह 2023 में भी जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताएं बने रहने की आशंका है। वित्त मंत्री सीतारमण 1 फरवरी को अपना चौथा बजट पेश करेंगी। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल अर्थव्यवस्था के लिए काफी मुश्किल भरे रहे हैं। सीतारमण ने इस दौरान कई बड़े कदम उठाए। रिफॉर्म्स और आम लोगों को राहत देने के लिए कई उपाय किए हैं। चलिए एक नजर आम बजट से जुड़ी अहम बातों पर डालते हैं।
1. 2023 का बजट कब पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ?
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में केंद्रीय बजट 2023-2024 पेश करेंगी।
2. संसद का बजट सत्र कब शुरू और खत्म होगा?
- संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो सकता है और 8 अप्रैल को समाप्त होने की संभावना है।
3.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बजट सत्र पर दोनों सदनों को कब संबोधित करेंगी?
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों को सुबह 11 बजे एक साथ संबोधित कर आधिकारिक रूप से बजट सत्र की शुरुआत करेंगे।
4. बजट सत्र में कितने चरण होंगे?
- बजट सत्र दो चरणों में संपन्न होता है। सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चल सकता है। सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च को शुरू हो सकता है और 8 अप्रैल को समाप्त हो सकता है।
5. संसद में आर्थिक सर्वेक्षण कब पेश किया जाएगा?
- बजट से एक दिन पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया जाता है।
6. आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है ?
- आर्थिक सर्वेक्षण में देश की सेहत का हिसाब-किताब होता है। सरकार इसके द्वारा बताती है कि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है। देश किस गति से आगे बढ़ रहा है। किस सेक्टर में कितना निवेश हुआ है और कहां कितना निवेश की जरूरत है आदि। इसी से तय होता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था कैसी रहेगी। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की टीम तैयार करती है।
7. आम बजट क्या होता है ?
- देश की कमाई और खर्चों का लेखा – जोखा आम बजट कहलाता है। संविधान में बजट को एनुअल स्टेटमेंट कहा गया है। आम बजट में सरकार की आर्थिक नीति की दिशा दिखती है। इसमें मंत्रालयों को उनके खर्चों के लिए पैसे का आवंटन होता है। इसमें आने वाले साल के लिए कर प्रस्तावों का ब्योरा पेश किया जाता है। बता दें कि "बजट" शब्द पुराने फ्रांसीसी शब्द "बौगेट" से लिया गया है जिसका अर्थ है बैग।
8. राजकोषीय घाटा क्या होता है ?
- एक वित्तीय वर्ष में सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच के अंतर को "राजकोषीय घाटा" कहा जाता है। यह खर्च की तुलना में सरकार की कमाई में कुल कमी का संकेत है। कुल राजस्व की गणना में, उधार शामिल नहीं हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में अक्टूबर तक भारत का राजकोषीय घाटा 7.58 लाख करोड़ रुपये रहा।
9. बजट बनाने वाली प्रमुख एजेंसियां –
- वित्त मंत्रालय, नीति आयोग, प्रशासनिक मंत्रालय, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग)।
10. बजट की पहली ड्रॉफ्ट कॉपी किसके पास होती है ?
- देश का बजट बनाने का काम काफी गोपनीय होता है। बजट की पहली ड्राफ्ट कॉपी सबसे पहले देश के वित्त मंत्री के सामने रखी जाती है। इसका पेपर नीले रंग का होता है।