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Budget 2024: बजट की नयी सौगात सस्ते हुए मोबाइल फोन, इंपोर्ट ड्यूटी में हुई 10 फीसदी की कटौती
Budget 2024: मोबाइल पार्ट्स की इंपोर्ट ड्यूटी में हुई कटौती की वजह से उम्मीद की जा रही है कि अब भारत में नए मोबाइल फोन का निर्माण सस्ता हो जाएगा।
Budget 2024: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस दौरान भारत सरकार देशवासियों को बड़ी सौगात दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने मोबाइल पार्ट्स की इंपोर्ट ड्यूटी में कमी की है। पहले मोबाइल फोन पर इंपोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी लगती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है।
भारत में फोन निर्माण होगा सस्ता
मोबाइल पार्ट्स की इंपोर्ट ड्यूटी में हुई कटौती की वजह से उम्मीद की जा रही है कि अब भारत में नए मोबाइल फोन का निर्माण सस्ता हो जाएगा। इससे यहां के लोगों को भी अब सस्ते दामों पर अच्छे मोबाइल फोन मिलने शुरू हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिस के अनुसार कस्टम एक्ट 1962 के सेक्शन 25 के तहत सरकार ने जनता के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
इन पार्ट्स पर कम हुई इंपोर्ट ड्यूटी
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में बताया गया है कि मोबाइल पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी में 5 फीसदी की कटौती करते हुए, इसे 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इस दौरान वित्त मंत्रालय की ओर से मोबाइल के उन पार्ट्स का नाम भी साझा किया गया है, जिनके इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की गई है। जैसे- बैटरी कवर, फ्रंट कवर, मिडिल कवर, मेन लेंस, बैक कवर, जीएसएम एंटीना, PU केस या सीलिंग गास्केट, सीलिंग गास्केट या पॉलिमर से बने हुए पीपी, सिम सॉकेट, स्कू आदि।
क्या होती है इंपोर्ट ड्यूटी?
इंपोर्ट ड्यूटी एक व्यवसायिक मुक़ाबला होता है जो एक देश में एक अन्य देश से माल या सेवाओं को लाने की प्रक्रिया में लागू होता है। इसे वस्त्र, ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, खाद्य पदार्थ, और अन्य उत्पादों के साथ-साथ सेवाओं पर भी लगा सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य देश के इनडोर प्रोडक्ट्स को बाहरी वस्त्र, सामग्री, या सेवाओं के उत्पादों के साथ मुक़ाबले में सुरक्षा प्रदान करना है ताकि इनडोर प्रोडक्ट्स को बचाने और उन्नत करने की कोशिश की जा सके।
किसी सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी कितनी लगेगी, यह उसकी कीमत के साथ-साथ वह किस देश का है और कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है। इंपोर्ट ड्यूटी को कस्टम ड्यूटी, टैरिफ, इंपोर्ट टैक्स या इंपोर्ट टैरिफ भी कहते हैं। इसे एक प्रकार की कर या टैक्स के रूप में देखा जा सकता है जो बाहरी उत्पादों को आपके देश में आने की कीमत पर लगाया जाता है। यह देशों के बीच व्यापार और व्यापारिक गतिविधियों को प्रबल बनाए रखने का एक तरीका है।
सस्ते होंगे सैमसंग के प्रीमियम और फोन आईफोन
सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम से एप्पल, सैमसंग, और अन्य समर्थन कंपनियों को भी इससे लाभ हो सकता है और भारत की निर्यात संभावनाओं में वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से उद्योग की कंपनियां भारत में स्मार्टफोन के निर्माण की लागत को कम करने के लिए और चीन और वियतनाम पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत में उत्पादन को बढ़ाना चाहती हैं। इस कारण, ये कंपनियां 12 कंपोनेंट पेंट इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग कर रही हैं। इस कदम के बाद टेक कंपनियों को राहत मिल सकती है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने भी मोबाइल फोन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने, नियति को बढ़ावा देने, और स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करने के लिए मोबाइल फोन पार्ट्स पर आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में एंडवांस मोबाइल फोन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए मोबाइल केमटा फोन के स्पेसिफिक कंपोनेंट्स पर 2.5 प्रतिशत सीमा शुल्क हटाया था।