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पंजाब में 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, फिर भी 'दिशाहीन'
चंडीगढ़ : पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया, जिसमें कुल 1.18 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय प्रस्ताव शामिल हैं। इसमें शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा, "यह बजट पंजाब के 99 फीसदी लोगों के लिए फायदेमंद है।"
विपक्षी दलों के दबाव और कांग्रेस के घोषणापत्र के वादे को ध्यान में रखते हुए बादल ने कृषि ऋण माफी के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रारंभिक लागत का खाका पेश किया।
बादल ने कहा, "31 मार्च तक राज्य का कुल कर्ज 1,86,618 करोड़ रुपये है, जिसमें 4,435 करोड़ रुपये का आधिकारिक कृषि ऋण भी शामिल है, जिसे राज्य सरकार ने केंद्र की मंजूरी के बिना विभिन्न एजेंसियों से उठाया है।"
बादल ने कहा, "पिछली सरकार ने सत्ता छोड़ने से पहले 13,039 करोड़ रुपये की देनदारियां सौंपी है। इसके अंतर्गत आटा-दाल योजना का 1,747 करोड़ रुपये, महंगाई भत्ता का 2,773 करोड़ रुपये और बिजली सब्सिडी का बकाया 2,342 करोड़ रुपये शामिल है। 31 मार्च को कुल 7,791 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान नहीं हो पाया, क्योंकि सरकारी खजाने में इसे भरने के लिए धन नहीं है।"
वहीं, विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी ने बजट को 'दिशाहीन' करार दिया है।
उन्होंने कहा कि इसमें कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा नहीं किया गया है।
बादल ने कृषि क्षेत्र पर खर्च में 66 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की और इसे 6,383.01 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,580.99 करोड़ रुपये कर दिया।
उन्होंने युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन मुहैया कराने के लिए 10 करोड़ रुपये का आवंटन किया।