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इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश, GDP 6.75 से बढ़कर 7.5 फीसदी रहने के आसार
बता दें कि विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि वह संसद के इस सत्र की तारीख और नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
नई दिल्लीः संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों को एक साथ संबोधित किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सरकार ने इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया। इस सर्वे में बताया गया कि आने वाले वित्तीय वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 6.75 से बढ़कर 7.5 फीसदी रहने के आसार हैं।
बता दें कि सर्वे की रिपोर्ट को पेश किए जाने वाले बजट की झलक के तौर पर देखा जाता है। नोटबंदी की वजह से इस साल सर्वे को अहम माना जा रहा है। इकोनॉमिक सर्वे पेश होने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की माक्रोइकोनॉमिक इंडिकेटर मजबूत है। सुब्रमण्यन ने जीएसटी, बैंक करप्सी बिल, आधार बिल, एफडीआई की नीतियों में खुलेपन को पिछले साल की सबसे बड़ी आर्थिक उपलब्धियां बताया।
और क्या कहा गया इकोनॉमिक सर्वे में?
-सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट 2016-17 में 8.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
-जीडीपी का 4-5 फीसदी यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्रपोजल पर खर्च होना है।
-अप्रैल 2017 तक नोटबंदी से उपजी कैश की कमी दूर होने की उम्मीद है।
-आर्थिक सुधारों के चलते भारत दुनिया में एफडीआई पाने वाले अव्वल देशों में शामिल हुआ।
-नोटबंदी से लंबे समय में फायदा होगा। इसके चलते मार्केट ब्याज दर कम रही।
-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और तेल की कम कीमतों से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
- जीडीपी का वित्तीय घाटा 3.5 फीसदी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
-जीडीपी विकास दर 2017-18 में 6.5-7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
-2017-18 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
-सामाजिक न्याय और तेज तरक्की के लिए सुधारों पर जोर दिया जाएगा।
-उद्योग क्षेत्र की विकास दर 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
- कपड़ा और चमड़ा उद्योग में तेजी के लिए लेबर और टैक्स नीति में सुधार किए गए।
-2016-17 के पहले हिस्से में वित्तीय घाटा जीडीपी का 0.3 फीसदी है।
-लगातार महंगाई दर तीसरे साल काबू में रही है।
-जीएसटी से आर्थिक फायदा मिलने में थोड़ा समय लगेगा।
-चालू वर्ष 2016-17 के लिए स्थिर मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही।
संसद का बजट सत्र मंगलवार 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। जबकि आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। बता दें कि बजट सत्र के पहले हिस्से में विपक्षी दलों के हंगामा करने के आसार दिख रहे हैं। क्योंकि विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि वह संसद के इस सत्र की तारीख और नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि संसद का यह सत्र दो भागों में बंटा है। बजट सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा और दूसरा हिस्सा 9 मार्च से 12 अप्रैल तक चलेगा।
पीएम मोदी ने सोमवार 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों से संसद चलाने के लिए सहयोग करने की अपील की। पीएम ने विपक्षी दलों से कहा कि चुनाव के समय में हमारे बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संसद महापंचायत है। इसे सुचारु रूप से काम करना चाहिए, इसलिए आप सभी लोग इसमें सरकार का सहयोग करें।