×

नौकरशाही से सियासत के दिन ख़त्म, सरकार ने बनाए पांच ज़ोन

Gagan D Mishra
Published on: 24 Aug 2017 6:45 AM GMT
नौकरशाही से सियासत के दिन ख़त्म, सरकार ने बनाए पांच ज़ोन
X
नौकरशाही से सियासत के दिन ख़त्म, सरकार ने बनाए पांच ज़ोन

योगेश मिश्र योगेश मिश्र

लखनऊ: नौकरशाही से अब सियासत के दिन ख़त्म होने वाले हैं। इस दिशा में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने तेज कदम बढ़ा दिए हैं। इसके लिए उन्होंने सिविल सेवाओं के अफसरों के लिए परंपरागत रूप से चली आ रही काडर चयन नीति को बदल दिया है। अब नौकरशाह किसी एक राज्य के होकर नहीं रह पाएंगे। अब तक सिविल सेवा के अफसरों के लिए 26 काडर बनाये गए थे लेकिन अब इन सभी का संविलयन करके पांच ज़ोन बनाये गए हैं। नौकरशाहों को अपनी पसंद में किसी एक राज्य की जगह इन पांच में से किसी एक ज़ोन को चुनना होगा जिसमे कई राज्य होंगे। राष्ट्रीय एकीकरण के नज़रिये से बनायीं गयी यह नीति इसी साल से लागू कर दी जाएगी।

केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक़ नयी नीति में यह प्रावधान किया गया है कि उत्तर के अधिकारियों को दक्षिण, दक्षिण के अधिकारियों को उत्तर तथा देश के किसी भी राज्य में निवास करने वाले अफसरों को पूर्वोत्तर के राज्यों में तैनाती दी जा सकती है।

मंत्रालय ने जिन पांच जोन में पूरे देश को विभाजित किया है उसमे पहले ज़ोन में जम्मू कश्मीर , हिमांचल प्रदेश , उत्तराखंड ,पंजाब , राजस्थान व हरियाणा के साथ ही साथ अरुणांचल , गोवा , मिजोरम और सभी केंद्रीय शासित प्रदेश शामिल होंगे। उत्तरप्रदेश , बिहार , झारखण्ड और ओडिसा को मिला कर दूसरा ज़ोन बनाया गया है। छत्तीसगढ़ , गुजरात , महाराष्ट्र ,और मध्यप्रदेश राज्य तीसरे ज़ोन में शामिल किये गए है। नागालैंड ,त्रिपुरा , मणिपुर, मेघालय, असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल को मिला कर चौथा ज़ोन बनाया गया है। पांचवे और अंतिम ज़ोन में तमिलनाडु , केरल , कर्णाटक , तेलंगाना , और आँध्रप्रदेश शामिल हैं।

हालांकि सरकार की इस नयी नीति में होम कॉडर के लिए भी जगह है लेकिन यह तभी संभव है जब वह रिक्तियां हो। सरकार ने पिछले दस साल के चयनित अभ्यर्थियों की सूची के अध्ययन के बाद यह पाया है कि हर अभ्यर्थी अपने राज्य को चयन के मामले में वरीयता देता है। दूसरे राज्यों में जाना सिविल सेवाओं के चयनित अभ्यर्थियों का गैरपसन्दीदा विकल्प होता है। ऐसे में सिविल सेवाओं के राष्ट्रीय स्वरुप की मंशा का लाभ नहीं मिल पाता । यही नहीं, एक राज्य विशेष में रहते नौकरशाहों और नेताओ के बीच गठजोड़ के भी कई मामले सरकार के लिए दिक्कत पैदा करते हैं। सरकार के इस नए फैसले के बाद राज्य की सेवाओं से आईएएस आईपीएस और आईएफएस कॉडर में प्रोन्नति पाने वाले अफसरों के लिए नयी परेशानी शुरू हो सकती है क्योकि उन्हें भी प्रोन्नति के बाद पांच नए ज़ोन में बांटे गए कॉडर सिस्टम के दूसरे राज्य में भेजा जा सकता है।

Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story