×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बूटा सिंह ने पं नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक के साथ किया काम

कांग्रेस में दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले बूटा सिंह ने देश  के लिए कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम किया। जिसमें गृह कृषि रेल खेल समेत समय समय पर कई अन्य जिम्मेदारियों को भी निभाने का काम किया।

Shreya
Published on: 2 Jan 2021 2:17 PM IST
बूटा सिंह ने पं नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक के साथ किया काम
X
बूटा सिंह ने पं नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक के साथ किया काम

श्रीधर अग्निहोत्री

नई दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय मंत्री बूटा सिंह की राजनीतिक यात्रा बेहद लम्बी रही। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ काम शुरू किया और उसके बाद इंदिरा गांधी राजीव गांधी और राहुल गांधी का भी साथ दिया। वइ इंदिरा गांधी की कैबिनेट में उस समय खेल मंत्री हुए जब देश में 1982 में एशियाड गेम्स का आयोजन हुआ। इसके अलावा उन्होंने राजीव गांधी की 1984 वाली सरकार, नरसिम्हा राव की 1991 और मनमोहन सिंह की 2004 वाली सरकार में काम किया। 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में जन्में सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए।

कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में किया काम

कांग्रेस में दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले बूटा सिंह ने दिल्ली में कई गुरूद्वारों को बनवाने का काम किया। उन्होंने देश के लिए कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम किया। जिसमें गृह कृषि रेल खेल समेत समय समय पर कई अन्य जिम्मेदारियों को भी निभाने का काम किया। वह बिहार के राज्यपाल के साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

यह भी पढ़ें: खबरदार: डिजिटल ऐप से न लें लोन, बन सकता है जान का दुश्मन

former home minister buta singh (फाइल फोटो)

देश के गृहमंत्री रह चुके हैं बूटा सिंह

बूटा सिंह जिस समय देश के गृहमंत्री थें उस दौर में राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थें और उन्होंने इस विवाद में अपनी बड़ी भूमिका निभाते हुए रामलला विरोजमान को अयोध्या मामले का पक्षकार बनाया था। 1989 में जब राम मंदिर आंदोलन परवान चढ़ा और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विवादित परिसर का ताला खुलवा दिया तो तत्कालीन गृहमंत्री बूटा सिंह ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित के जरिए विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल को संदेश भेजा कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल किसी मुकदमे में जमीन का मालिकाना हक नहीं मांगा गया है और ऐसे में उनका मुकदमा हारना लाजमी है।

यह भी पढ़ें: वैक्सीनेशन की महातैयारी: पूरे देश में रिहर्सल जारी, हर कोई दिखा उत्सुक

इसके बाद राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों को प्रसिद्ध वकील लाल नारायण सिन्हा से कानूनी सलाह के लिए पटना भेजा। लाल नारायण सिन्हा ने हिंदू पक्षकारों को बताया कि अगर भगवान को पक्षकार बनाया जाता है तो हिंदू पक्ष की राह की कानूनी अड़चने दूर हो जाएंगी।

यह भी पढ़ें: उम्मीद का नया साल, सभी चुनौतियां पार करेंगे हम

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shreya

Shreya

Next Story