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मार्च 2020 तक गंगा पूरी तरह से निर्मल हो जाएगी: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गंगा सफाई से जुड़ी 10 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 73 परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिनमें से 13 परियोजनाओं पर काम पूरा हो चुका है। सरकार गंगा को निर्मल ही नहीं अविरल भी बना रही है और इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है और अगले साल मई तक गंगा अपेक्षा के अनुकूल निर्मल नजर आना शुरू हो जाएगी।

Shivakant Shukla
Published on: 22 Dec 2018 5:56 PM IST
मार्च 2020 तक गंगा पूरी तरह से निर्मल हो जाएगी: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
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नई दिल्ली: यूपी के कानपुर में गंगा में गिरने वाली गंदगी को रोकने के लिए ‘वन सिटी-वन ऑपरेटर’ योजना के तहत शुक्रवार को यहां हुए एक समझौते के मौके पर पत्रकारों ये बातचीत के दौरान जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत गंगा नदी को निर्मल और अविरल बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि मार्च 2019 तक 80 फीसदी और अगले मार्च तक गंगा पूरी तरह से निर्मल हो जाएगी।

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गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गंगा सफाई से जुड़ी 10 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 73 परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिनमें से 13 परियोजनाओं पर काम पूरा हो चुका है। सरकार गंगा को निर्मल ही नहीं अविरल भी बना रही है और इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है और अगले साल मई तक गंगा अपेक्षा के अनुकूल निर्मल नजर आना शुरू हो जाएगी।

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उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई से जुड़ी सभी परियोजनाओं के लिए दिसंबर तक निविदाएं आमंत्रित कर ली जाएंगी और दावा किया कि मार्च तक गंगा 70 से 80 फीसदी तक निर्मल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गंगा का निर्मल और अविरल बनाने का सपना पूरा होने की कगार पर है। यह असंभव सा दिखने वाला काम था लेकिन जिस गति से इस दिशा में काम चल रहा है उसे देखते हुए हमें पूरा भरोसा है कि गंगा मार्च तक तीन चौथाई से ज्यादा साफ दिखने लगेगी। उन्होंने कहा कि गंगा के तट पर बसे 4500 गांवों को खुले में शौच करने से मुक्त घोषित करा दिया गया है।

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यमुना की सफाई का भी चल रहा है काम

उन्होंने कहा कि गंगा के साथ ही यमुना की सफाई का भी काम चल रहा है और 27 दिसंबर को यमुना की निर्मलता को लेकर यहां विज्ञान भवन में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें केन्द्र सरकार भी शामिल होगी। यमुना की सफाई के लिए 3500-4000 करोड़ रुपये की लागत की 11 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

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