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C-295 Transport Aircraft: यूरोप के बाहर पहली बार होगा C-295 विमान का निर्माण, जानें इसकी खासियतें

C-295 Transport Aircraft: पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को अपने तीन दिवसीय गुजरात दौरे को लेकर वडोदरा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने यहां C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 Oct 2022 11:37 AM GMT
C-295 Transport Aircraft
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C-295 Transport Aircraft। (Social Media)

C-295 Transport Aircraft: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रविवार को अपने तीन दिवसीय गुजरात दौरे (PM Modi Visit Gujarat) को लेकर वडोदरा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने यहां C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (C-295 Aircraft) के निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी। इस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण यूरोप की प्रमुख विमानन कंपनी एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्ल (Tata Advanced systeml) मिलकर करेगी। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 21,935 करोड़ रूपये है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, यह विमान पूरी तरह से स्वदेशी होंगे। सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच 16 एयरक्राफ्ट सेना के हवाले कर दिए जाएंगे।

साल 2021 में हुई थी डील

भारत में पहली बार कोई निजी कंपनी एयरक्राफ्ट बनाने जा रही है। पिछले साल यानी 2021 में भारत ने यूरोप की दिग्गज विमानन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (ADSpace) के साथ 21 हजार करोड़ रूपये से अधिक की डील की थी। इसमें 1960 की पीढ़ी के पुराने मालवाहक विमान एवरो – 748 की जगह सी-295 एयरक्राफ्ट खरीदने की डील हुई थी। 56 विमानों की मांग की गई थी। इनमें से 16 स्पेन से बनकर आएंगे और 40 एयरक्राफ्ट वडोदरा स्थित प्लांट में तैयार किए जाएंगे। एयरक्राफ्ट निर्माण में 96 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की होगी। पहली बार सी-295 एयरक्राफ्ट का निर्माण यूरोप के बाहर होने जा रहा है।

क्या है सी 295 प्लेन

  • C-295 एक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। यह एक अन्य मालवाहक विमान CN-235 ट्रांसपोर्टर का एक उन्नत संस्करण है।
  • एयरक्राफ्ट की खासियत
  • यह विमान 10 टन वजन लेकर उड़ सकता है।
  • सी-295 एयरक्राफ्ट छोटे रनवे से टेक ऑफ और लैंड कर सकता है। इसी क्षमता के चलते यह दुर्गम जगहों तक जवानों और सामान को पहुंचा सकता है।
  • विमान लगातार 11 घंटे तक उड़ान जारी रख सकता है।
  • यह एयरक्राफ्ट 71 सैनिकों, 44 पैराट्रूपर्स और 24 स्ट्रेचर ले जाने में सक्षम होंगे।
  • ये विमान देश में ही बने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट से भी लैस होंगे।
  • यह विमान रिफ्यूलिंग सिस्टम से भी लैस है।
  • सैन्य अभियान के साथ – साथ ये विमान प्राकृतिक आपदा और रेस्क्यू ऑपरेशन में भी एयरफोर्स के लिए काफी मददगार होंगे।
  • ये विमान उन इलाकों में भी उड़ान भर सकते हैं, जहां हैवी एयरक्राफ्ट नहीं जा सकते।

बता दें कि वडोदरा प्लांट में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के निर्माण के साथ ही भारत भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे विमान निर्मित करने की क्षमता है। वर्तमान में केवल अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस, ब्राजील, इटली, स्पेन, यूक्रेन और जापान के पास ही यह क्षमता है।

Deepak Kumar

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