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CAA News: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मार्च में लागू हो सकता है सीएए
CAA Latest News: केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से मार्च के पहले हफ्ते में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियम लागू हो सकते हैं।
CAA Latest News: केंद्रीय गृह मंत्रालय आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू होने से पहले किसी भी वक्त नागरिकता संशोधन कानून (CAA) नियमों को अधिसूचित कर सकता है। बता दें, सीएए नियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों (Minorities) के भारतीय नागरिकता आवेदनों का प्रसंस्करण सुनिश्चित करेंगे।
आपको याद दिला दें, कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने 10 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कहा था कि, 'CAA को लागू करने के नियम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जारी किए जाएंगे। लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता (Indian Nationality) प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
...तो ये है जल्द लागू होने की वजह
सीएए के जल्द लागू होने की सबसे बड़ी वजह लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होना है। केंद्र सरकार इसे लोकसभा चुनाव 2024 के ऐलान से पहले लागू करना चाहती है। दूसरा, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने एक पोर्टल भी तैयार कर लिया है। इसके पात्र पड़ोसी देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन (CAA Online Application) करना होगा। गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता जारी कर देगा।
इन्हें मिल सकती है भारतीय नागरिकता
गौरतलब है कि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बार-बार सीएए लागू करने का ऐलान किया है। सीएए के तहत अफगानिस्तान (Afghanistan), पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं
सीएए आवेदन के लिए इन तीन देशों से आए विस्थापितों को कोई दस्तावेज (Document For CAA) देने की भी जरूरत नहीं है। इन देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। गृह मंत्रालय जांच कर नागरिकता जारी कर देगा। दरअसल, नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है।
4 साल के इंतजार के बाद बढे कदम
ज्ञात हो कि, वर्ष 2019 में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से सीएए कानूनों के पास होने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया था। शाहीन बाग (Shaheen Bagh) सहित अन्य स्थानों पर कई महीनों तक प्रदर्शनकारी डटे रहे थे। विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर सरकार इसे लागू करने में सावधानी बरतने का फैसला किया। लगभग 4 साल के इंतजार के बाद इस पर आगे बढ़ रही है।