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CABE की सिफारिशः चौथी क्लास तक नो डिटेंशन नीति हो, पांचवीं से राज्य तय करें
नई दिल्लीः शिक्षा संबंधी सलाहकार समिति सेंट्रल एडवायजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (सीएबीई) ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि नो डिटेंशन नीति को चौथी क्लास तक रखा जाए। पांचवी क्लास से इसका फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाए कि वे इसका पालन करना चाहते हैं या नहीं।
क्या है नो डिटेंशन नीति?
यूपीए सरकार के दौरान शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में ये प्रावधान किया गया था। इसके तहत आठवी क्लास तक स्कूल किसी छात्र को फेल नहीं कर सकते। इससे तमाम राज्य नाराज हैं। उनका कहना है कि बच्चे फेल न होने के डर से पढ़ते नहीं हैं। फिर नौवीं क्लास की परीक्षा पास करने में उन्हें दिक्कत होती है। नो डिटेंशन नीति में बदलाव के लिए आरटीई कानून में बदलाव करना होगा। माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा संशोधन लाएगी।
सीएबीई की क्या है सिफारिश?
सीएबीई ने सिफारिश की है कि चौथी तक बच्चों का इम्तिहान न हो। पांचवीं से राज्य सरकारें तय करें कि उन्हें परीक्षा में बच्चों को बिठाना है या नहीं। सीएबीई ने ये सिफारिश भी की है कि कानून में लर्निंग आउटकम भी जोड़ा जाए। इसमें बताया जाए कि किस क्लास के बच्चे को कम से कम कितनी जानकारी होनी चाहिए।
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