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Cabinet Meeting : मोदी सरकार ने अमरावती सहित दो रेलवे लाइन को मंजूरी दी
Cabinet Meeting : कैबिनेट ने 6,798 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी और इन्हें 5 वर्षों में पूरा किया जाएगा।
Cabinet Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को रेल मंत्रालय की दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 6,798 करोड़ रुपए है। इन्हें 5 वर्षों में पूरा किया जाएगा, ताकि कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।
केंद्र सरकार ने जिन दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है, उनमें नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण (256 किलोमीटर कवर करेगा) और अमरावती के माध्यम से एर्रुपलेम और नम्बुरु के बीच 57 किलोमीटर को कवर करने वाली नई लाइन का निर्माण शामिल है। इन दोनों परियोजनाओं से तीन राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के 8 जिलों कवर होंगे। इसके साथ ही भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 313 किलोमीटर तक बढ़ जाएगा। नई लाइन परियोजना 9 नए स्टेशनों के साथ लगभग 168 गांवों और लगभग 12 लाख आबादी को संपर्क प्रदान करेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो आकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) से संपर्क बढ़ाएगी, जो लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को सेवा प्रदान करेगी।
- दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही में सुविधा होगी। वहीं, नई रेल लाइन परियोजना एर्रुपलेम-अमरावती-नम्बुरु एनटीआर विजयवाड़ा और आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरती है।
- नई लाइन का प्रस्ताव आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी "अमरावती" से सीधा संपर्क प्रदान करेगा। उद्योगों और आबादी के लिए गतिशीलता में सुधार करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बढ़ी हुई दक्षता और सेवा विश्वसनीयता प्रदान होगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा।
1,000 करोड़ के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना को मंजूरी
वहीं, केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपए के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना को मंजूरी दी है। प्रस्तावित 1,000 करोड़ रुपए के वीसी फंड की तैनाती अवधि फंड संचालन की वास्तविक तिथि से पांच साल तक की योजना बनाई गई है। निवेश के अवसरों और फंड की आवश्यकताओं के आधार पर औसत तैनाती राशि 150-250 करोड़ रुपए प्रति वर्ष हो सकती है।